लखनऊ। उप्र के बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में देशभर के 27 लाख बिजलीकर्मी सड़कों पर उतरे हैं। इस बीच बिजली कर्मचारियों की यूनियन ने शासन को चेताया है कि शान्तिपूर्ण आन्दोलन के दौरान किसी भी बिजलीकर्मी को गिरफ्तार किया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ जेल भरो आन्दोलन शुरू होगा।
पढ़ें :- India Visit : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द करेंगे भारत का दौरा, क्रेमलिन प्रवक्ता ने दी जानकारी
योगी सरकार से तीन महीने पहले हुए समझौते पर अमल न होने से नाराज यूपी के बिजली कर्मी आज रात 10 बजे से काम बंद कर देंगे। इस दौरान बिजली सेवाएं ठप नहीं होगीं। बिजली आपूर्ति निर्बाध रूप से होगी। ये हड़ताल 72 घण्टे की के लिए है। हड़ताल के समर्थन में देशभर के 27 लाख बिजलीकर्मी सड़कों पर उतरेंगे।
एनसीसीओईईई के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि शान्तिपूर्ण आन्दोलन कर रहो किसी भी बिजलीकर्मी को गिरफ्तार किया गया तो अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ जेल भरो शुरू हो जाएगा। वहीं शासन ने भी कमर कस ली है। सभी बिजली कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति का दवा किया कि ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के क्रियान्वयन के प्रति ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के नकारात्मक एवं हठवादी रवैये के चलते बिजलीकर्मियों ने 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य होना पड़ेगा। शैलेंद्र दुबे ने सीएम योगी से हस्तक्षेप की मांग की है। कहा कि समझौते का क्रियान्वयन न होने के कारण विवश होकर कार्य बहिष्कार करना पड़ रहा है। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर उप्र के बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में आज देश के सभी प्रान्तों में लाखों बिजलीकर्मी सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
अनिश्चित कालीन हड़ताल की चेतावनी
पढ़ें :- Tragic accident: बरेली में तेज रफ्तार कार पेड़ से टकराई, हादसे में दो लोगो की दर्दनाक मौत
एनसीसीओईईई के राष्ट्रीय संयोजक प्रशान्त चौधरी, इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल पी. रत्नाकर राव, ऑल इण्डिया फेडरेशन ऑफ पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर. के. त्रिवेदी ने आज लखनऊ पहुंच कर बिजलीकर्मियों की सभा को सम्बोधित किया। एनसीसीओईईई के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे उप्र के बिजलीकर्मियों का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न किया गया तो देश के अन्य प्रांतों के 27 लाख बिजलीकर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगें। ऐसे किसी भी दमनकारी कदम का देशभर में सशक्त प्रतिकार किया जायेगा।
बता दें कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर चल रहे कार्य बहिष्कार के दूसरे दिन राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जनपदों एवं परियोजनाओं पर विशाल विरोध-प्रदर्शन किये गए।
प्रमुख मांग
- संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की मांग है कि ऊर्जा मंत्री के साथ किए गए समझौते के अनुसार ऊर्जा निगमों के चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक का चयन समिति के द्वारा किया जाए।
- पहले की तरह मिल रहे तीन पदोन्नति पदों के समयबद्ध वेतनमान के आदेश किया जाए।
- बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉईज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।
- पारेषण के विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन एवं अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बन्द किया जाए।
- नये विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण पारेषण निगम से कराया जाए।
- निविदा / संविदा कर्मियों को अलग-अलग निगमों में मिल रहे मानदेय की विसंगति दूर कर समान मानदेय दिया जाए।
- भत्तों के पुनरीक्षण एवं वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाए प्रमुख है। इसके अतिरिक्त बिजलीकर्मियों की मांग है कि प्रदेश के सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने वाले विद्युत उत्पादन निगम को ओबरा एवं अनपरा में 800-800 मेगा वाट की 2-2 इकाईयां प्रदान किया जाए।
सभा को इन्होंने किया संबोधित
संघर्ष समिति के मुख्य पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, जी.वी. पटेल, गिरीश पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, राजेन्द्र घिल्डियाल, सुहेल आबिद, महेन्द्र राय, चन्द्रभूषण उपाध्याय, शशिकान्त श्रीवास्तव, मनीष मिश्र, पी के दीक्षित, मो. वसीम, छोटेलाल दीक्षित, योगेन्द्र कुमार, राम चरण सिंह, पवन श्रीवास्तव, माया शंकर तिवारी, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, शम्भू रत्न दीक्षित, पी.एस. बाजपेई, जी.पी. सिंह, रफीक अहमद, मो. इलियास, आर. के. सिंह, देवेन्द्र पाण्डेय ने सभा को सम्बोधित किया।