Suicide incidents a matter of concern: भारत की संस्कृति में परिवार एक केंद्रीय और अत्यंत महत्वपूर्ण संस्था है, जहां सामूहिक कल्याण को व्यक्तिगत इच्छाओं से ऊपर रखा जाता है। लेकिन, पिछले कुछ सालों में मामूली घरेलू विवादों में उठाए आत्म-हत्या जैसे खौफनाक कदमों ने इस संस्था के लिए कुछ चिंताएं पैदा कर दी हैं। इसका ताजा उदाहरण, प्रतापगढ़ में जिला समाज कल्याण अधिकारी की कथित आत्म-हत्या घटना है।
पढ़ें :- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने हुमायूं कबीर को दी चेतावनी, बोले- बाबर के नाम पर मस्जिद बनाई तो उसका भी वही हाल होगा
रिपोर्ट्स की मानें तो आजमगढ़ में तैनात 40 वर्षीय जिला समाज कल्याण अधिकारी आशीष कुमार सिंह ने पैतृक गांव में आत्महत्या कर ली। शुरुआती जांच में पुलिस को शक है कि उन्होंने यह कदम पत्नी से हुए विवाद के चलते उठाया। बताया जा रहा है कि आशीष छुट्टी पर अपने गांव आए हुए थे और गुरुवार सुबह वह आजमगढ़ लौटने वाले थे। इसी दौरान उनकी पत्नी ने उन्हें फोन किया, जो अपने मायके में थीं। इस बातचीत के बाद वह अपने कमरे में गए और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। करीब 10 साल पहले उनकी शादी सुल्तानपुर जिले में हुई थी। दंपति का पांच वर्षीय बेटा भी है। उनकी पत्नी पिछले तीन महीने से अपने मायके में रह रही थी।
हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या लोगों के बीच सहनशीलता या सूझ-बूझ से समस्याओं का सामना करने की क्षमता खत्म होने लगी है। देश में आएदिन आत्म-हत्या जैसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। पिछले कुछ महीनों में तो जीवनसाथी की वेबफाई से आहत कई लोगों ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करके आत्म हत्या जैसे खौफनाक कदम उठाए हैं। वहीं, घरेलू विवाद में कुछ लोगों ने जान दे दी। अब यह एक चलन सा बन गया है, जोकि समाज की परिवार रूपी संस्था के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि दुनिया भर में हर साल आत्महत्या से मरने वाले लगभग 900,000 लोगों में से 170,000 भारत से हैं। ये आंकड़ें बेहद चिंताजनक हैं। भारत में आत्महत्या के कारण आर्थिक तनाव, मानसिक बीमारी, रिश्तों में तनाव हैं, लेकिन घरेलू कलह सबसे प्रमुख है। वर्तमान समय में घरेलू कलह के प्रमुख कारणों की बात करें तो आपसी तालमेल की कमी, व्यक्तिगत इच्छा सबसे ऊपर, अहंकार, अनैतिक संबंध, गलतफहमी, पैसों का अभाव और संवाद का अभाव है। जिनका समाधान ही आत्म-हत्या जैसी घटनाओं को रोक सकता है।
नोट- अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आत्म-हत्या जैसे विचार आते हैं तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है। बिना देर किए भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें या फिर टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर कॉल करें। जहां पर आपकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ पीड़ित व्यक्ति को इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे। जीवन अमूल्य है…