नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन (India-UK) ने एक ऐतिहासिक और महत्त्वपूर्ण ‘मुक्त व्यापार समझौते (FTA)’ और ‘दोहरा योगदान सम्मेलन समझौते’ (डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन) को अंतिम रूप दे दिया है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपने ब्रिटेन के समकक्ष कीर स्टार्मर (United Kingdom Prime Minister Keir Starmer) से बातचीत के बाद की।
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क्या है एफटीए इसका मतलब?
एफटीए (FTA) एक ऐसा समझौता है, जिसमें दो देश एक-दूसरे के साथ वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार आसान और सस्ता बनाते हैं। इसमें कर (आयात शुल्क) कम किए जाते हैं या हटाए जाते हैं, जिससे दोनों देशों के कारोबारियों को फायदा होता है।
डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन क्या है?
यह समझौता उन लोगों को राहत देगा जो दोनों देशों में काम करते हैं या कारोबार करते हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें एक ही कमाई पर दो बार कर (टैक्स) न देना पड़े।
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पीएम मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह समझौता भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार, निवेश, विकास और रोजगार को नई गति देगा। दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और मजबूत करने पर सहमति बनी है। एफटीए (FTA) और कर समझौते से व्यापार में तेजी आएगी और नई नौकरियों के अवसर बनेंगे। यह समझौते भारत-ब्रिटेन साझेदारी को और मजबूत और विविध बनाएंगे।
मजबूत साझेदारी की दिशा में बड़ा कदम: पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के छोटे और बड़े व्यवसायों को फायदा होगा। नौकरी के नए मौके बनेंगे, खासकर युवा पेशेवरों और उद्यमियों के लिए। द्विपक्षीय व्यापार में बड़ा इजाफा होगा, जिससे दोनों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, यह समझौता सिर्फ व्यापार का नहीं, बल्कि एक मजबूत और गहरी साझेदारी की दिशा में बड़ा कदम है।