नई दिल्ली। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को राजीव कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। बता दें कि राजीव कुमार 15 मई से मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यभार संभालेंगे। देश के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा का कार्यकाल 14 मई को पूरा हो जाएगा।
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केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक ट्वीट में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 324 के खंड (2) के अनुसरण में, राष्ट्रपति राजीव कुमार को 15 मई से मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्न हैं। मेरी राजीव कुमार को हार्दिक शुभकामनाएं।
इनके कार्यकाल के दौरान गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए। चंद्रा का कार्यकाल 14 मई तक का है। सुशील चंद्रा ने 38 वर्षों तक राजस्व सेवा अधिकारी के रूप में कार्य किया है। फिर उन्होंने नवंबर 2016 से फरवरी 2019 तक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।
राजीव कुमार एक सितंबर 2020 को चुनाव आयुक्त के रूप में भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) में शामिल हुए थे। चुनाव आयोग में कार्यभार संभालने से पहले, वह लोक उद्यम चयन बोर्ड (PESB) के अध्यक्ष थे। वह अप्रैल 2020 में PESB के अध्यक्ष के रूप में शामिल हुए थे।
कुमार झारखंड कैडर के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं। उनके पास सार्वजनिक नीति और स्थिरता में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री है। इसके अलावा, उनके पास बीएससी और एलएलबी की डिग्री भी है। राष्ट्रपति कोविंद ने अगस्त 2020 में उन्हें चुनाव आयोग का चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था।
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राजीव कुमार के नेतृत्व में कराए जाएंगे 2024 के आम चुनाव
राजीव कुमार को एक सितंबर 2020 को चुनाव आयोग में आयुक्त के तौर पर नियुक्ति मिली थी। नियमों के मुताबिक, चुनाव आयुक्त का कार्यकाल छह साल या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) उस समय तक होता है। चूंकि, कुमार का जन्म फरवरी, 1960 को हुआ था, इसलिए उनका कार्यकाल 2025 तक है। यानी अगले विधानसभा चुनावों से लेकर 2024 के आम चुनाव तक राजीव कुमार की देखरेख में ही होने हैं।