Iran-Israel War : सीरिया (Syria) की राजधानी दमिश्क में उसके दूतावास पर हवाई हमले के कुछ दिनों बाद ईरान (Iran) ने रविवार को इज़राइल पर पहला सीधा हमला किया है। ईरान ने आधी रात को इजरायल (Israel) पर मिसाइल और ड्रोन अटैक किए हैं, इस हमले में 300 से ज्यादा अलग-अलग तरह के ड्रोन, किलर ड्रोन से लेकर बैलिस्टिक मिसाइल (Ballistic Missiles) और क्रूज मिसाइलों (Cruise missiles) का इस्तेमाल किया गया। वहीं, ईरान ने इस हमले के बाद अमेरिका (US) को धमकी दी है कि वो उसके और इजरायल के मामले से दूर रहे।
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ईरान (Iran) ने इजरायल (Israel) की ओर ड्रोन और मिसाइलों की बौछार कर दी, जिससे मिडल ईस्ट क्षेत्र में एक बड़े संकट का खतरा पैदा हो गया है, जो गाजा में युद्ध के कारण पहले से ही तनाव में है। बताया जा रहा है कि इजरायल (Israel) के कई शहरों में धमाकों की आवाज सुनी जा रही है। पूरे देश की किलाबंदी कर दी गई है। इजरायली सेना ने एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया है। सेना को हाई अलर्ट कर दिया गया है। इजरायल ने अधिकतर मिसाइलों को मार गिराया है। ईरान ने इस हमले को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस (Operation True Promise) का नाम दिया है।
ईरान हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव (United Nations Secretary General) एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने कहा कि ना ही मिडिल ईस्ट और ना ही ये दुनिया एक और युद्ध को सहन कर सकती है। उन्होंने सभी पक्षों से संयम बनाए रखने और मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ाने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने की हिदायत दी है। इज़राइल ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से ईरान के हमले की निंदा करने के लिए एक आपातकालीन बैठक (Emergency Meeting) बुलाने का अनुरोध किया है।
इस बीच, अमेरिका (US) ने ईरान (Iran) से खतरों के खिलाफ इजरायल की रक्षा में मदद करने की कसम खाते हुए, इज़राइल की सुरक्षा के लिए अपने “आयरनक्लाड” (Ironclad) समर्थन की पुष्टि की है। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन (Adrienne Watson) ने एक बयान में कहा, “राष्ट्रपति बाइडेन स्पष्ट रहे हैं। इज़राइल की सुरक्षा के लिए हमारा समर्थन दृढ़ है। संयुक्त राज्य अमेरिका इज़राइल के लोगों के साथ खड़ा रहेगा और ईरान से इन खतरों के खिलाफ उनकी रक्षा का समर्थन करेगा।
हमले के बाद इजराइली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि ईरान ने 200 से अधिक ड्रोन, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें दागी हैं। दूसरी तरफ, ईरान ने कहा कि यह हमला “इज़राइल को उसके किए गए अपराधों” की सज़ा है। ईरान ने एक अप्रैल को दमिश्क में उसके दूतावास पर हुए हमले का जिक्र किया, जिसमें जनरलों सहित उसके सात विशिष्ट अधिकारी मारे गए थे। इज़राइल ने हमले में अपनी संलिप्तता की न तो पुष्टि की थी और न ही इनकार किया था।