Israel-Iran Tension : ईरान की ओर से 13 अप्रैल की आधीरात को अचानक इजरायल (Israel) पर 300 से ज्यादा मिसाइलें और ड्रोन दागी गयीं। जिसके बाद दोनों देशों के बीच जंग छोड़ने के आसार नजर आ रहे हैं। वहीं, इन घटनाक्रमों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में ईरान और इजरायल के जुबानी जंग हुई। इस दौरान इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र पर ईरान (Iran) की आतंकी गतिविधियों पर आंख मूंदने का आरोप लगाया।
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ईरान के हमले को लेकर इजरायल के राजदूत (Israeli Ambassador) गिलाद एर्दान (Gilad Erdan) ने संयुक्त राष्ट्र मंच में कहा कि इजरायल बेवजह का रोना रोने वाला देश नहीं हैं। हम सालों से अपना पक्ष रखते आ रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जगाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। अगर यूएनएससी हमारे शब्दों को गंभीरता से लेता तो बीती रात हमलों की गूंज से उसे जागना नहीं पड़ता।
इजरायल के राजदूत (Israeli Ambassador) ने संयुक्त राष्ट्र (UNSC) को कठघरे में खड़ा करता हुए कहा कि आपने (संयुक्त राष्ट्र) ईरान की निंदा क्यों नहीं की? इसके बजाए आपने नरसंहार करने वाले जिहादियों के लिए लाल कार्पेट बिछा दिया। आप उनके (ईरान) साथ ऐसा व्यवहार क्यों करते हैं, जैसे वे तनाव की इस मौजूदा स्थिति को कम करने के इच्छुक हैं जबकि आपको पता है ऐसा नहीं है।
गिलाद एर्दान (Gilad Erdan) ने कहा कि ईरान की रणनीति स्पष्ट रही है कि वे दुनियाभर में टेरर फंडिंग (Terror Funding) करने और आतंकियों को ट्रेनिंग देता है जिससे वह वर्चस्व की अपनी योजना को पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि आज, ईरान का पर्दाफाश हो गया है। अब वह इससे भाग नहीं सकता। ईरान ने इजरायल पर अपनी जमीं से हमला किया है।
संयुक्त राष्ट्र के मंच पर इजरायल के राजदूत ने कहा कि इस हमले ने सभी सीमाएं लांघ दी है और इजरायल के पास पूरा हक है कि वह इसका जवाब दे। इजरायल पर इस तरह का सीधा हमला होने के बाद हम चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में अब कोई मान मनौव्वल नहीं होगा। आज, परिषद को एक्शन लेना होगा। ईरान के आतंक के लिए उसकी निंदा करनी होगी।
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दूसरी तरफ, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत (Iranian Ambassador) सैयद इरावनी (Syed Iravani) ने कहा कि ईरान की सेना ने इजरायल के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। ईरान ने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर 51 का पालन करते हुए आत्मरक्षा की वजह से यह कदम उठाया। उन्होंने कहा कि इस चार्टर में साफ कहा गया है कि कोई भी देश खुद पर हमले और खतरे के मद्देनजर आत्मसुरक्षा में हमला कर सकता है।
इस दौरान सैयद इरावनी ने अमेरिका को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि ये देश, विशेष रूप से अमेरिका गाजा नरसंहार में इजरायल की जवाबदेही से उसे बचाने के लिए ढाल बनकर खड़ा है। जबकि ये हम पर इजरायली हमले को लेकर आंखें मूंद लेते हैं और गाजा नरसंहार को न्यायोचित ठहराते हैं।
ईरान के राजदूत ने चेतवानी दी कि मिडिल ईस्ट में ईरान की अमेरिका से दो-दो हाथ करने की कोई मंशा नहीं है। हमने शांति को लेकर प्रतिबद्धता जताई है लेकिन अगर अमेरिका, ईरान, उसके नागरिकों और हितों के खिलाफ सैन्य ऑपरेशन शुरू करता है तो हम उसका उचित रूप से जवाब देंगे।