लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा एक बार फिर प्रचंड बहुमत हासिल किया है। योगी की कैबिनेट में अब किसको जगह दी जाए। इसको लेकर माथापच्ची जारी है। तो वहीं सपा के सहयोगी दल हार पर चिंतन मनन जारी है। बता दें कि अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन कर अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन इसके बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।
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रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के लिए यह चुनाव बेहद अहम था, परिस्थितियां उनके अनुकूल थी। किसान आंदोलन का लाभ मिल सकता था। उम्मीद थी कि इस चुनाव के बाद जयंत यूपी की राजनीति में खुद को स्थापित कर लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यही वजह है कि रिज़ल्ट के बाद जयंत तिलमिलाए दिख रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने एक बड़ा फ़ैसला लिया है।
सभी फ्रंटल संगठनों को किया भंग
पार्टी अध्यक्ष के निर्देशानुसार रालोद यूपी के प्रदेश, क्षेत्रीय, जिला व सभी फ्रंटल संगठनों को भंग कर दिया गया है। इसकी जानकारी रालोद के आधिकारिक पेज से दी गई है। रालोद की तरफ से कहा गया है, राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के निदेर्शानुसार राष्ट्रीय लोकदल उत्तर प्रदेश के प्रदेश, क्षेत्रीय और जिला व सभी फ्रंटल संगठनों को तत्काल प्रभाव से भंग किया जाता है।
इस चुनाव में बीजेपी गठबंधन को कुल 273 विधानसभा सीटों पर जीत मिली है। साथ ही सपा गठबंधन को कुल 125 सीटें मिली हैं, हालांकि राष्ट्रीय लोकदल को केवल आठ सीट तो वहीं सुभासपा को केवल छह सीट पर ही संतोष करना पड़ा।