Kalawa raksha sutra Miracle : सनातन धर्म में दैवीय शक्ति को सर्वोपरि माना जाता है। देवी देवताों को प्रसन्न करने लिए कठिन तप और अनुष्ठान किए जाते है। मंदिर और यज्ञशालाओं को बहुत पावन और पवित्र माना जाता है। इसी तरह हाथ् में बाधा जाने वाले रक्षा सूत्र को अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे कलावा भी कहा जाता है। लाल रंग के इस रक्षा सूत्र को बाधने का धार्मिक विधान है। इसको विधिवत मत्रोंच्चार के साथ दाहिने हाथ में बांधा जाता है।
पढ़ें :- Kaal Bhairav Jayanti 2024 : इस दिन मनाई जाएगी काल भैरव जयंती , जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व
धार्मिक कार्य के अवसर पर कलावा बांधन की परंपरा
मान्यताओं के अनुसार कलावा में कई प्रकार की दैवीय शक्तियां समाहित होती हैं, जो व्यक्ति को बुरी नजर, परेशानी और अनिष्ट शक्तियों के प्रभाव से बचाती हैं। कलावा को मौली और रक्षा सूत्र के नाम से भी जाना जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसे बांधने के पीछे क्या कारण हो सकता है। आइये जानते है। घर परिवार में किसी धार्मिक कार्य के अवसर पर कलावा बांधन की परंपरा है। प्राचीन काल से ही प्रत्येक प्रकार के शुभ कार्य के दौरान हाथ पर कलावा बांधा जाता था।
विद्या-बुद्धि और शक्ति की प्राप्ति होती है
धार्मिक शास्त्रों में इसे एक रक्षा सूत्र के रूप में देखा जाता है। इसे हाथ में बांधने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है साथ ही साथ और धन संपत्ति, विद्या-बुद्धि और शक्ति की प्राप्ति होती है।
कलावा बांधना शनि ग्रह के लिए शुभ होता है
लाल रंग का कलावा बांधने से मंगल ग्रह बलवान होता है। अगर पीले रंग का कलावा बांधा जाए तो यह बृहस्पति ग्रह को मजबूत करता है। यह भी माना जाता है कि कलाई पर काले रंग का कलावा बांधना शनि ग्रह के लिए शुभ होता है।