Kalawa raksha sutra Rules : सनातन धर्म में किसी भी अनुष्ठान , यज्ञ हो या फिर घर-मंदिर में होने वाली आम पूजा हो, कलावा बांधने की परंपरा है। कलावा को अत्यंत शुभ माना जाता है। बांधने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। कहते हैं प्राचीन काल से ही प्रत्येक प्रकार के शुभ कार्य के दौरान हाथ पर कलावा बांधा जाता था।मान्यताओं के अनुसार कलावा में कई प्रकार की दैवीय शक्तियां समाहित होती हैं, जो व्यक्ति को बुरी नजर, परेशानी और अनिष्ट शक्तियों के प्रभाव से बचाती हैं। कलावा को मौली और रक्षा सूत्र के नाम से भी जाना जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि इसे बांधने के पीछे क्या कारण हो सकता है। आइये जानते है।
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धार्मिक शास्त्रों में इसे एक रक्षा सूत्र के रूप में देखा जाता है। इसे हाथ में बांधने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है साथ ही साथ और धन संपत्ति, विद्या-बुद्धि और शक्ति की प्राप्ति होती है।
विज्ञान के अनुसार शरीर के अधिकांश अंगों तक पहुंचने वाली नसें कलाई से होकर गुजरती हैं। कलाई पर मौली या कलावा बांधने से इन नसों की क्रिया नियंत्रित होती है। ऐसा माना जाता है कि कलावा बांधने से रक्तचाप, हृदय संबंधी रोग, मधुमेह और पक्षाघात जैसी स्थितियों से काफी सुरक्षा मिलती है।
लाल रंग का कलावा बांधने से मंगल ग्रह बलवान होता है। अगर पीले रंग का कलावा बांधा जाए तो यह बृहस्पति ग्रह को मजबूत करता है। यह भी माना जाता है कि कलाई पर काले रंग का कलावा बांधना शनि ग्रह के लिए शुभ होता है।