नई दिल्ली। कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार (Siddaramaiah Government) ने अपने चुनावी वादों पर अमल करना शुरू कर दिया है। सिद्धारमैया सरकार (Siddaramaiah Government) ने राज्य में पिछली भाजपा नीत सरकार के दौरान सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए ’40 प्रतिशत कमीशन’ (40 Percent Commission) की मांग के आरोपों की न्यायिक जांच (Judicial Investigation) के आदेश दिए हैं। सत्ता में आने के तीन महीने बाद कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले किए गए अपने प्रमुख वादों में से एक को पूरा करते हुए गुरुवार को सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति नगामोहन दास (Nagamohan Das) के नेतृत्व में जांच समिति गठित करने का आदेश पारित किया।
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आदेश के मुताबिक, आयोग उन विभागों की गतिविधियों की जांच करेगा जहां बड़े पैमाने पर सार्वजनिक कार्य किये जाते हैं। कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ ने सभी सार्वजनिक परियोजनाओं पर 40 प्रतिशत कमीशन (40 Percent Commission) लिए जाने के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (The then Chief Minister Basavaraj Bommai) को पत्र लिखा था। आदेश में बताया गया है कि काम शुरू होने से पहले ही 25 से 30 प्रतिशत कमीशन जन प्रतिनिधियों को दे दिया जाता था, जबकि शेष भुगतान काम पूरा होने के बाद किया जाता था।
आदेश में कहा गया है, सरकारी स्तर पर इन गंभीर आरोपों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। नई सरकार शुरुआती स्तर पर ही प्रशासन में पारदर्शिता लाना चाहती है। आयोग इस बात की जांच करेगा कि प्रशासनिक स्वीकृतियां नियमों और कार्यों की गुणवत्ता के अनुरूप दी गईं या नहीं। जांच समिति यह भी पता लगाएगा कि क्या मूल्यांकन मौजूदा दरों की अनुसूची के अनुरूप थे और लागत बढ़ने की स्थिति में अनुमान को संशोधित करने की आवश्यकता थी।
इसमें कहा गया है कि जांच के दौरान संबंधित विभागों को अपनी फाइलें समिति को सौंपनी होंगी। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने भाजपा सरकार (BJP Government) पर निशाना साधने के लिए ’40 फीसदी कमीशन’ (40 Percent Commission) का मुद्दा उठाया था।