Karwa Chauth 2022 Date: सनातन धर्म में पति के आरोग्य और लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं कठिन व्रत और उपवास का पालन करती है। कठिन व्रत की श्रृंखला में करवा चौथ का व्रत प्रमुख है। सुहागिन महिलाओं द्वारा पालन किया जाने वाला यह कठिन व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस व्रत के नियम के अनुसार, इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं और रात को चंद्र दर्शन करने के बाद ही कुछ खाती हैं। करवा चौथ के व्रत में भगवान गणेश की पूजा की पूजा की जाती है। इसके साथ ही करवा माता की पूजा होती है। इसलिए इसे करवा चौथ कहा जाता है। इस व्रत में सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर भगवान चंद्रमा दर्शन करती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र दर्शन के बिना करवा चौथ का व्रत अधूरा रह जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर दिन गुरुवार को रखा जाएगा।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।करवा चौथ की पूजा व्रत कथा सुने बिना अधूरी मानी जाती है।
पढ़ें :- 30 अप्रैल 2024 का राशिफलः मंगलवार के दिन इन राशियों पर बरसेगी कृपा, जानिए क्या कहते हैं आपके सितारे?
करवा चौथ तिथि
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 12 अक्टूबर रात्रि 2:00 बजे से शुरू होगा, जोकि अगले दिन 13 अक्टूबर की मध्य रात्रि 3:09 पर समाप्त होगा। उदया तिथि के अनुसार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे।
करवा चौथ व्रत पूजन सामग्री
करवा चौथ व्रत के व्रत का विधि -विधान से पूजन करने के लिए पूजा की थाली में भगवान के पूजन के लिए पहले से पूजा सामग्री सहेज कर रख लेनी चाहिए। पूजा की थाली में पान, व्रत कथा की पुस्तक, मिट्टी का करवा , कलश, चंदन, सफेद पुष्प इत्यादि को सजा कर रख लेना चाहिए।