नई दिल्ली। केरल (Kerala) की वायनाड लोकसभा सीट (Wayanad Lok Sabha Seat) पर शाम 4 बजे तक 57.74 फीसदी मतदान हुआ है। बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इसी सीट से उम्मीदवार हैं। जहां पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का मुकाबला इस बार बीजेपी से के. सुरेंद्रन और सीपीआई की एनी राजा से है। साल 2019 में राहुल गांधी पहली बार इस सीट से जीते थे। उस चुनाव में उन्हें 7,06,367 वोट मिले थे, जबकि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 4 लाख वोटों से ज्यादा के अंतर से चुनाव जीता था।
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दरअसल, इस बार वायनाड में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। जहां 2019 में राहुल गांधी(Rahul Gandhi) ने वायनाड लोकसभा सीट (Wayanad Lok Sabha Seat) में आने वाली सभी सातों विधानसभा सीटों पर बड़ी जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर सीपीआई नेता पीपी सुनीर रहे थे।
दक्षिण में मजबूत है कांग्रेस
वायनाड लोकसभा सीट (Wayanad Lok Sabha Seat) में 7 विधानसभा सीटें आती हैं। जिनमें कालपेट्टा, मनंतवडी, सुल्तानबथेरी, थिरुवमबडी, एरनाड, नीलांबुर और वंदूर हैं। कालपेट्टा और मनंतवडी अनुसूचित जनजाति (ST) तो वंदूर अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है। वहीं, 2011 की वायनाड जिले की जनगणना के अनुसार, 8,17,420 की आबादी में से, वायनाड जिले में 49.48 प्रतिशत हिंदू, 28.65 प्रतिशत मुस्लिम और 21.34 ईसाई हैं।
वायनाड के बारे में जानें सब कुछ?
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वायनाड वायल और नाडु शब्दों से मिलकर बना है। इसका अर्थ होता है धान के खेत की भूमि। कभी धान के लिए प्रसिद्ध वायनाड की दो प्रजातियों को जीआई टैग मिला है, लेकिन धीरे-धीरे किसान इसे छोड़ कर मुनाफे की खेती की ओर रुख कर रहे हैं। वायनाड शहर दक्षिण की काशी के नाम से मशहूर है। 1980 में यह केरल का 12वां जिला बना था। फिर परिसीमन के चलते 2009 में संसदीय लोकसभा सीट।
इसके तहत सात विधानसभा सीटें आती हैं। जोकि, तमिलनाडु और कर्नाटक के बॉर्डर पर स्थित है। कहा जाता है कि वायनाड में देश का इकलौता लव-कुश मंदिर है, जबकि, संपन्न वायनाड प्राकृतिक मसालों व औषधीय पैदावार, रबर, केला, चाय-कॉफी, बांस प्लांटेशन, काली मिर्च और इलायची के लिए मशहूर है।