अयोध्या। अयोध्या में बाबरी मस्जिद के बदले मिली जमीन पर बन रही मस्जिद और अस्पताल परिसर का नाम मौलवी अहमदुल्ला शाह या मौलवी फैजाबादी के नाम पर रखा जाएगा। यह मस्जिद अयोध्या के पास 5 एकड़ की उस जमीन के टुकड़े पर बनाई जा रही है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मुसलमानों को मिले हैं। मौलवी फैजाबादी के नाम पर अयोध्या की बहुचर्चित मस्जिद का नाम रखने का फैसला इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) ने किया है, जो यह मस्जिद बनवा रही है।
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इस परिसर में मस्जिद के अलावा अस्पताल, म्यूजियम रिसर्च सेंटर के साथ-साथ एक मेगा कम्यूनिटी किचन भी बनाया जा रहा है। 1787 में जन्मे अहमदुल्ला शाह थे तो मुसलमान, लेकिन अवध के इलाके में उन्हें हिंदू-मुस्लिम एकता और गंगा-जमुनी तहजीब के लिए उस वक्त मूर्त रूप में महसूस किया जाता था। 1857 की क्रांति में पेशवा के वंशज नाना साहिब जैसे राज घराने के लोग और खान बहादुर खान जैसे लोग उनके साथ मिलकर लड़े थे।
मौलवी अहमदुल्ला शाह फैजाबादी 1857 में हुए देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम के वो क्रांतिकारी थे, जिन्होंने आज से करीब 164 साल पहले अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते-लड़ते शहादत दी थी। जबकि, 1857 के विद्रोह के दौरान अवध को 2 साल से ज्यादा वक्त तक अंग्रेजी हुकूमत के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए उन्हें ‘आजादी का प्रकाशस्तंभ’ भी कहा जाता है। उनके नाम से फैजाबादी इसलिए जुड़ गया, क्योंकि फैजाबाद को उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष के लिए अपनी कर्मभूमि बनाई थी।