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Krishna Janmashtami 2025 : जन्माष्टमी के दिन मन- वचन- कर्म से से करें भगवान कृष्ण को याद , जानें कान्हा का प्रिय भोग

By अनूप कुमार 
Updated Date

Krishna Janmashtami 2025 :  भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी पर्व भक्तगण धूमधाम से मनाते है। मथुरा , वृंदावन ,द्वारका में पूरे पखवारे भर जन्माष्टमी उत्सव मनाते है। भक्त  भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की झांकी सजाते है और विभिन्न कलाओं के माध्यम से उनके जीवन की की प्रमुख घटनाओं का मंचन कर दर्शकों श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करते है। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र में अर्ध रात्रि 12 बजे वृष राशि के चंद्रमा में हुआ था। भगवान विष्णु के दशावतारों में से सबसे प्रमुख पूर्ण अवतार 16 कलाओं से परिपूर्ण भगवान कृष्ण को माना जाता है।आइये जानते है इस साल कब और किस शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा कान्हा का जन्मोत्सव?

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दृक पंचांग (Panchang) के अनुसार इस साल जन्माष्टमी का पर्व दो दिन मनाया जाएगा। यह पर्व पहले 15 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।

स्मार्त परंपरा
इस तरह स्मार्त परंपरा से जुड़े लोग 16 अगस्त 2025 के दिन निशीथ काल की पूजा को 00:05 से 00:47 बजे तक कर सकेंगे। इस दिन जन्माष्टमी का व्रत रखने वाले लोग 16 अगस्त 2025 की रात्रि को 09:24 के बाद पारण कर सकेंगे।

बांसुरी
जन्माष्टमी के दिन घर में एक बांसुरी लाकर रात्रि में कृष्ण जी की पूजा में अर्पित करें। दूसरे दिन इस बांसुरी को घर में पूर्व दिशा की दीवार पर तिरछी लगा दें। मान्यता है ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती हैं।

भोग
लड्डू गोपाल को खोए से तैयार किए गए पेड़े का भोग लगाना चाहिए। पेड़े के भोग से भगवान श्रीकृष्ण तुरंत प्रसन्न होते हैं।

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