Krishna janmashtami 2025 : सनातन धर्म में भक्त गण भगवान कृष्ण की भक्ति का मार्ग चुनते है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार कृष्ण चरित्र में जीवन जीने का दर्शन छिपा हुआ है। भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़ी प्रत्येेक वस्तुएं कुछ न कुछ संदेश देती है। भगवान श्रीकृष्ण की बांसुरी संगीत और प्रेम की प्रतीक ही नहीं, बल्कि सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का माध्यम भी है। भगवान कृष्ण, जिन्हें मुरलीधर भी कहा जाता है, बांसुरी बजाने के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी बांसुरी प्रेम, खुशी और आकर्षण का प्रतीक है। जन्माष्टमी के अवसर पर जहां श्रीकृष्ण की पूजा से जीवन में आनंद और समृद्धि आती है, वहीं धार्मिक और वास्तु शास्त्र की मान्यता के अनुसार घर में बांसुरी रखने से वास्तु दोष भी दूर होते हैं।
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मुख्य द्वार के ऊपर
अगर घर में बार-बार नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हो या घर में प्रवेश करने पर भारीपन लगे, तो मुख्य द्वार के ऊपर पीतल या बांस की बांसुरी को लाल धागे से बांधकर लगाएं। यह उपाय बुरी शक्तियों को घर में प्रवेश करने से रोकता है।
शयनकक्ष की पूर्व दिशा में
शयनकक्ष की पूर्व दिशा में दो बांसुरियां लाल या पीले रेशमी धागे से बांधकर रखें। यह उपाय प्रेम, सामंजस्य और आपसी विश्वास बढ़ाता है।