Levana Hotel Fire : लेवाना सुईट होटल अग्निकांड में मामले में योगी सरकार ने बड़ा ऐक्शन लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मानकों को दरकिनार कर बने होटल को सरकार ने धराशाई करने का फैसला किया है। इसके अलावा अभी तक लखनऊ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए होटल मालिक राहुल अग्रवाल और रोहित अग्रवाल को गिरफ्तार कर चुकी है। इस हादसे में चार लोग मारे गए जबकि 8 कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पढ़ें :- Rajya Sabha Bye-Election : राज्यसभा की 6 सीटों पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान; इन राज्यों में खाली हुई थी सीटें
जैसे-जैसे पड़ताल आगे बढ़ रही है। वैसे-वैसे लेवना सुइट्स में आग लगने का मामले में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। होटल के मालिक राहुल अग्रवाल ने मानको के विपरीत बनाया गया है। जिस कारण आज चार की जानें चलीं गई। होटल में इमरजेंसी एग्जिट का इंतजाम नहीं था। इस इमारत को फायर डिपार्टमेंट ने नोटिस देकर खानापूर्ति की गई थी।
राहुल अग्रवाल, रोहित अग्रवाल मनमानी कर लेवना सुइट्स बनाने में मानकों का कोई ध्यान नहीं रखा गया। आग लगने के बाद एलडीए अब कागज तलाश रहा है। रामकुमार प्लाजा के पास भी राहुल का अवैध होटल है। एलडीए की मिलीभगत के कारण मानकों को ताक पर रखते हुए अस्पतालों और होटलों का निर्माण कर दिया गया।
होटल के बनावट के कारण दमकल कर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। होटल की खिड़कियों पर लोहे की पट्टियां हुई हैं, जिन्हें तोड़कर अंदर जाने का रास्ता बनाया गया। रेस्क्यू के दौरान बुलडोजर का हुक तक टूट गया। हादसे के बाद एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने होटल से संबंधित फाइल तलब की हैं।
होटल से रेस्क्यू की गई एक युवती ने बताया कि कमरे से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। यहां तक कि आग लगने के बाद होटल में लगे फायर अलार्म भी नहीं बजे। कमरे में धुंआ भरने के बाद होटल के कर्मचारी ने उन्हें आग लगने की सूचना दी। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि बाहरी खिड़कियों को ऐसे ब्लॉक किया गया है कि तोड़ना मुश्किल है। वे किसी तरह एक छोटी सी जगह से बाहर निकल सकें। उनका कहना था कि इस इमारत को फायर डिपार्टमेंट की तरफ एनओसी कैसे दी गई ?