Lucknow Weather Today : यूपी की राजधानी लखनऊ के तापमान लगातार इजाफा हो रहा है। फरवरी महीना अपने अंतिम हफ्ते में है, लेकिन गर्मी अप्रैल का एहसास दिला रही है। फाल्गुन महीना जेठ (Jeth) जैसा प्रतीत हो रहा है। जिस हिसाब से तापमान तेजी से ऊपर चढ़ रहा है, उसे देखकर तो यही लगता है कि अप्रैल-मई का का महीना शुरू हो गया।
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अमूमन होली के आसपास ऐसी गर्मी देखने को मिलती थी। मगर, बीते कुछ सालों में ऐसे मौसमी बदलाव हुए हैं कि लोगों को बसंत (Spring) का एहसास ही नहीं हो रहा। बसंत ऋतु (Spring Season)तो जैसे विलुप्त ही हो गया है। लखनऊ में बुधवार को न्यूनतम तापमान 16 डिग्री और अधिकतम तापमान 32 डिग्री दर्ज किया गया। सुबह के समय शहर के बाहरी इलाकों में कहीं-कहीं हल्का कुहासा देखने को मिला। जिन क्षेत्रों में नमी थी, वहीं कुहासे का प्रभाव रहा। अन्य भागों में मौसम शुष्क बना रहा। लखनऊ के आसपास के जिले जैसे- बाराबंकी, कानपुर, अयोध्या आदि में तापमान कमोबेश एक जैसे ही हैं। मौसम विभाग (Weather Department)का कहना है कि, आने वाले दिनों में भी राजधानी का तापमान इसी तरह रहेगा।
सर्दियां ख़त्म होते ही सीधे गर्मी का मौसम देखने को मिल रहा है। बसंत ऋतु का तो पता ही नहीं चला। मौसम में अचानक बदलाव से लोग बीमार हो रहे हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के अस्वस्थ होने का खतरा बढ़ गया है। लखनऊ में गुरुवार (23 फ़रवरी) भी गर्म ही रहेगा। अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 16 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। आंचलिक मौसम विभाग (Zonal Meteorological Department) के अनुसार, इस पूरे हफ्ते मौसम इसी तरह बना रहेगा। डॉक्टर्स की सलाह है कि अपने शरीर से एकाएक गर्म कपड़ों को न हटाएं।
लखनऊ स्थित आंचलिक मौसम विभाग (Zonal Meteorological Department)के वैज्ञानिकों का कहना है कि इस पूरे हफ्ते मौसम गर्म रहेगा। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर ही रहेगा। दोपहर में तेज धूप अपना प्रचंड रूप दिखाएगी। दरअसल, अब हवाएं भी थम गई हैं। पहले हवाओं के चलते थोड़ी राहत मिल जाया करती थी। मगर, अब धूप की तपिश परेशान करने लगी है। मौसम विभाग (Weather Department) ने पूर्वानुमान में बताया है कि, फिलहाल बारिश की कोई गुंजाइश नहीं है। ज्ञात हो कि, साल 2006 के बाद इस बार फरवरी का महीना सबसे ज्यादा गर्म रहा है।
कमजोर पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) से बढ़ी गर्मी
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मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि, फरवरी में अमूमन 5 से 6 पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) आते रहे हैं। लेकिन, इस साल आए तो मगर बेहद कमजोर रहे। इस कारण न तो मैदानी क्षेत्रों में बारिश हुई और न ही पहाड़ों पर आशा अनुसार बर्फबारी। अभी तक थोड़ी बहुत बारिश हो जाती तो फरवरी महीने में इतनी तेजी से तापमान नहीं चढ़ता। IMD के अनुसार, आने वाले दिनों में किसी मजबूत पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance)के आने की संभावना भी नहीं दिख रही है।