लखनऊ : समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 17 से 19 मार्च के बीच कोलकाता में होगी। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) के तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नई कार्यकारिणी की यह पहली बैठक है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इसमें लोकसभा चुनाव की रणनीति बनेगी। पार्टी की रीति-नीति में बदलाव पर भी चर्चा की संभावना है। इस बैठक में 20 प्रदेशों के अध्यक्ष भी हिस्सा लेंगे।
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लखनऊ में 29 सितंबर 2022 को हुए पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में अखिलेश यादव को तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने इस वर्ष 29 जनवरी को 67 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की। अब इसकी पहली बैठक कोलकाता में होने जा रही है। 17 से 19 मार्च के बीच होने वाली इस बैठक में लोकसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। चुनावी रणनीति के तहत फोकस ग्रुप तैयार किए जाएंगे। फिर पार्टी उस ग्रुप के लिए विशेष अभियान चलाएगी।
सपा लोहिया, चरण सिंह व मुलायम सिंह के साथ आंबेडकर के सिद्धांतों को भी अपनाने की तैयारी में पार्टी का एक सत्र संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली और उनके बदलते स्वरूप पर भी रखा गया है। इसमें भाजपा सरकार के कार्यकाल में संवैधानिक संस्थानओं की कार्यप्रणाली पर चर्चा की जाएगी। इसी तरह कई आर्थिक एवं सामाजिक प्रस्ताव भी रखने की तैयारी है। तीन दिन में करीब आठ सत्र के दौरान विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी। सूत्रों का कहना है कि पार्टी अपनी नीतियों में कुछ बदलाव के प्रस्ताव भी रख सकती है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया, चौधरी चरण सिंह एवं मुलायम सिंह यादव के साथ डॉ. आंबेडकर के कुछ सिद्धांतों को अपनी कार्यप्रणाली में शामिल करने की तैयारी है। इसी तरह पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नाम पर लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगेगी। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा ने बताया कि तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अभी तक प्रस्तावित तिथि 17 से 19 हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से हरी झंडी मिलते ही अधिकृत घोषणा की जाएगी।
20 प्रदेशों के अध्यक्ष भी लेंगे हिस्सा
सम्मेलन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी के साथ ही 20 प्रदेशों के पार्टी अध्यक्ष भी हिस्सा लेंगे। संबंधित राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से लोकसभा चुनाव के साथ ही विधान सभा चुनाव पर भी चर्चा होगी। मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, दिल्ली, उत्तराखंड सहित विभिन्न राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष अब तक लड़े गए चुनाव पर अपनी रिपोर्ट रखेंगे। भविष्य की तैयारी से भी वाकिफ कराएंगे।