महराजगंज:अखिलानंद ब्लाइंड मर्डर केस का पुलिस ने खुलासा करने का दावा किया है। मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया गया। पुलिस के मुताबिक पैसे की लालच में अखिलानंद पांडेय की हत्या की गई थी। सबूत मिलने के बाद कार्रवाई की गई। इसके बाद लूट की धारा भी बढ़ाई गई है।
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इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए एसपी डॉ. कौस्तुभ ने बताया कि रविवार की रात में धनेवा-धनेई निवासी अखिलानंद पांडेय (55) की सुकठिया टोला में चकमार्ग के पास हत्या की गई थी। सोमवार को घटना की सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। ईंट से कूंच कर हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। अखिलानंद के बड़े भाई सच्चिदानंद पांडेय की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच के लिए कोतवाली पुलिस, एसओजी समेत पुलिस की चार टीम को तैनात किया गया था। पुलिस टीम ने 48 घंटे के अंदर मामले का पर्दाफाश कर दिया। प्रकरण में साक्ष्य मिलने पर हत्यारोपित जब्बार पुत्र अजीज निवासी लालपुर गोपाला थाना घुघली हाल मुकाम धनेवा-धनेई को गिरफ्तार कर किया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया।
लालच में की हत्या, हाथ लगे महज 80 रुपये
घुघली क्षेत्र के लालपुर गोपाला निवासी जब्बार की धनेवा-धनेई में ससुराल है। परिवार में पत्नी के अलावा छह बेटियां हैं। धनेवा-धनेई में हर कर वह टाइल्स लगाने का काम करता था। जब्बार अखिलानंद का करीबी था। कई बार उनके घर जाकर काम भी कर चुका है। जरूरत पर अखिलानंद जब्बार को रुपया पैसा देकर मदद भी करते रहते थे। जिस रात अखिलानंद की हत्या की गई उसी रात उनके पट्टीदारी में बहूभोज कार्यक्रम भी था। पत्नी भी वहीं गई थीं। अखिलानंद भी बहूभोज कार्यक्रम में जाने के लिए घर से निकले थे। रात आठ बजे के करीब चार-पांच करीबी भी मिल गए। उसमें जब्बार भी था। घटना स्थल पर करीबियों ने शराब भी पिया। बहूभोज कार्यक्रम में देर होने पर अखिलानंद ने कहा कि उनको गिफ्ट देना है। इसलिए वह निकलना चाह रहे हैं। खैनी बनाकर अखिलानंद ने जब्बार को खिलाया। सबसे पहले जब्बार ही वहां से निकला, लेकिन कुछ दूर जाकर खेत में बैठ गया। उसके बाद सभी लोग चले गए। अखिलानंद भी जा रहे थे, उसी दौरान जब्बार ने पैसे की लालच में आकर यह सोच कर अखिलानंद पर वार कर दिया कि उनके पास गिफ्ट के रूप में ज्वेलरी या पैसा जरूर होगा। अखिलानंद हमेशा अपने पास दस-पन्द्रह हजार रुपये रखते थे। घटना के बाद जब्बार ने इत्मीनान से उनका पैंट खोल पैसा की तलाशी की, लेकिन जेब से महज अस्सी रुपया व मोबाइल मिला। इसके बाद जब्बार भाग गया। उसके स्वेटर पर खून लगा था। इसलिए स्वेटर निकाल घटना स्थल से थोड़ी दूर फेंक कर भाग गया। घर जाने के बाद पैंट-शर्ट को जला दिया क्योंकि उसमें भी खून लगा था। पर राख में बेल्ट का बक्कल मिला। जांच कई सबूत मिलने के बाद पुलिस ने जब्बार को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक मोबाइल, दो हजार रुपया भी बरामद हुआ।
एसपी ने खुलासा पर पुलिस टीम को दिया 15 हजार रुपये का ईनाम
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हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम में कोतवाली प्रभारी रवि कुमार रॉय, कलक्ट्रेट चौकी प्रभारी दिनेश कुमार, बागापार चौकी प्रभारी विजय कुमार द्विवेदी, जेल चौकी प्रभारी कमलेश यादव, एसओजी प्रभारी रामकृपाल सिंह, स्वाट टीम प्रभारी संजय दूबे, एसओजी के हेड कांस्टेबल कुतुबुद्दीन, विद्यासागर, आशुतोष सिंह, कांस्टेबल राम आशीष यादव, कोतवाली के हेड कांस्टेबल मुन्ना चौरसिया, धर्मेन्द्र पांडेय, कांस्टेबल राजीव कुमार यादव, रामनिवास यादव शामिल रहे। एसपी डॉ. कौस्तुभ ने पुलिस टीम को पन्द्रह हजार रुपये का ईनाम देने की घोषणा की।