पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज निचलौल। बिजली निगम के कारनामे से उपभोक्ता परेशान हैं। मीटर रीडर घर-घर जाकर रीडिंग नहीं ले रहे हैं। मनमानी बिल बना दे रहे हैं। जिनके हर महीने तीन से चार सौ रुपये के बिल आते थे। अब उनके सात सौ से आठ हजार तक के बिल आ रहे हैं।
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बिल सुधार कराने के लिए बृहस्पतिवार को उपकेंद्र पर पहुंचे उपभोक्ताओं ने नाराजगी जताई। बताया कि बिजली बिल गड़बड़ आने पर जब उपभोक्ता अधिकारी के पास जाते हैं, तो उन्हें जांच का आश्वासन देकर टरका दिया जाता है। उपकेंद्र पर शिकायती पत्र लेकर पहुंचे गडौरा बाजार निवासी गोविंद ने बताया कि उन्होंने 28 अगस्त 2014 को घरेलू कनेक्शन लिया है। वह नियमित बिजली बिल जमा कर रहे थे। इसी बीच विभाग के जिम्मेदारों ने उन्हें बगैर सूचना दिए ही कनेक्शन को दो किलोवाट का कामर्शियल बना दिया। इसके बाद 2020 में 30 हजार बकाया बिल जमा करने के लिए विभाग की ओर से सूचना दी गई।
बिल सही कराने के लिए केंद्र पहुंचे तो विभाग के एक जिम्मेदार ने उनसे 15 हजार रुपये जमा करा लिया। फिर बिल सुधार करने की बात कहते हुए उन्हें घर भेज दिया। इसके बाद वह परदेश चले गए। अब उनका 98 हजार रुपये बिल आया है। वह बिल सुधार कराने के लिए शिकायती पत्र लेकर दो माह से उपकेंद्र का चक्कर काट रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक विभाग के उच्चाधिकारियों और निचले स्तर के कर्मचारियों में सेटिंग का खेल जमकर चल रहा है। उपभोक्ता के मीटर में अगर कोई गड़बड़ी है तो सुविधा शुल्क का खेल शुरू हो जाता है। उसे पहले मीटर जांच करवाने के लिए दौड़ाया जाता है। इधर, बिजली बिल सर्वर से बनता रहता है। मीटर सही होने के बाद किस समय से मीटर रीडिंग जोड़कर बिल बनाना है, इसमें सुविधा शुल्क लेकर काम किया जाता है। वहीं अगर नियम-कानून के चक्कर में फंसे तो फिर दौड़ते रहिए।
विद्युत निगम के निचलौल उपकेंद्र पर तैनात एसडीओ आशीष विष्ट ने कहा कि कुछ उपभोक्ताओं के बिजली बिल अधिक आए हैं, जिनकी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही पता चलेगा कि बिल अधिक किस वजह से आ रहे हैं। जो उपभोक्ता शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। उनकी समस्या का समाधान कराया जा रहा है।