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Maharashtra Political Crisis: बागी दल के प्रवक्ता बोले- शिवसेना के दो गुट भले ही हों, लेकिन शिवसेना एक ही है, जानें इसके सियासी मायने

By संतोष सिंह 
Updated Date

Maharashtra Political Crisis : महाराष्ट्र के भावी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) आज दोपहर तीन बजे महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी (Maharashtra Governor Koshyari) से मिलेंगे। वहीं एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता और शिवसेना (Shiv Sena) के बागी विधायक दीपक केसरकर (Rebel Legislature Party spokesperson Deepak Kesarkar) ने कहा कि विधानसभा में शिवसेना (Shiv Sena)  के दो गुट भले ही हों, लेकिन शिवसेना (Shiv Sena)  एक ही है। उन्होंने कहा कि आज भी विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ही हैं।

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केसरकर ने कहा कि हम ठाकरे परिवार के खिलाफ नहीं हैं। हम उद्धव जी से बात करने के लिए तैयार हैं। यदि वे एमवीए के साथ गठबंधन तोड़ते हैं, लेकिन वह अभी भी उनके साथ हैं। हम ठाकरे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं गए हैं। हमारे मन में आज भी ठाकरे जी का सम्मान है।

शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) ने कहा कि कल सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)  ने इस्तीफा दे दिया। हमने किसी भी तरह का जश्न नहीं मनाया, क्योंकि उन्हें हटाना हमारा इरादा नहीं था। हम अभी भी शिवसेना में हैं और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को ठेस पहुंचाना और उनका अपमान करना हमारा मकसद नहीं है।

दीपक केसरकर (Deepak Kesarkar) ने कहा कि अब जो भी फैसला होगा, वह राज्य के विकास के लिए होगा। हमने किसी की पीठ में छुरा घोंपा नहीं है, संजय राउत (Sanjay Raut) के ऐसे बयान सिर्फ लोगों में नाराजगी फैलाने के लिए हैं।

शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut)  ने कहा कि शिवसेना सत्ता के लिए पैदा नहीं हुई है, सत्ता शिवसेना के लिए पैदा हुई है। यह हमेशा से बालासाहेब ठाकरे का मंत्र रहा है। हम काम करेंगे और एक बार फिर अपने दम पर सत्ता में आएंगे।

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महाराष्ट्र के सियासी संग्राम के बीच शिवसेना राज्य में दूसरे से पांचवे नंबर की पार्टी हो गई है। बता दें कि राज्य के विधानसभा चुनाव के जब नतीजे आए थे तो शिवसेना भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी। लेकिन ढाई साल बाद अब शिवसेना के सिर्फ 16 विधायक बचे हैं। शिवसेना के 39 विधायकों ने अपना एकनाथ शिंदे की अगुवाई में अपना अलग गुट बना लिया है।

ऐसे में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की शिवसेना पार्टी को मुख्य विरोधी नेता यानी विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष पद भी नहीं मिल पायेगा। संख्या बल के हिसाब से देखें तो महाराष्ट्र विधानसभा में अब नेता प्रतिपक्ष की सीट एनसीपी के खाते में जाएगी।

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा है। जिसके पास 106 विधायक हैं। वहीं दूसरे नंबर पर एनसीपी(54 विधायक)। तीसरे नंबर पर कांग्रेस(44 विधायक)। चौथे नंबर का गुट एकनाथ शिंदे गुट(39 विधायक) और पांचवे नंबर का दल शिवसेना है जिसके पास 16 विधायक बचे हैं।

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