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सेबी प्रमुख माधबी बुच के खिलाफ महुआ मोइत्रा ने खटखटाया लोकपाल का दरवाजा, गौतम अडानी को भी घसीटा

By संतोष सिंह 
Updated Date

कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस नेता व लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच (SEBI Chairman Madhabi Puri Buch) और उनके पति के खिलाफ शुक्रवार को लोकपाल (Lokpal) में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में उन पर भ्रष्टाचार और शेयर के हेर-फेर में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra)  ने लोकपाल (Lokpal)से मामले की जांच करने की अपील की है। देश में भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी करने वाली संस्था ने महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra)  की इलेक्ट्रॉनिक शिकायत दर्ज कर ली है और जवाब दिया है कि मामले की जांच की जा रही है।

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महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra)  ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि माधवी पुरी-बुच (Madhabi Puri Buch) के खिलाफ मेरी लोकपाल में शिकायत दर्ज हो गई है। लोकपाल (Lokpal)  को 30 दिनों के अंदर इसे शुरुआती जांच और फिर फुल एफआईआर (FIR) जांच के लिए सीबीआई (CBI) या ईडी (ED) को भेजना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इसमें शामिल हर शख्स को तलब किया जाना चाहिए और हर लिंक की जांच की जानी चाहिए। महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) अपनी शिकायत में कहा कि माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch)  को अप्रैल 2017 से अक्टूबर 2021 तक सेबी का फुल टाइम सदस्य और उसके बाद मार्च 2022 में सेबी (SEBI) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। लगभग रोज हो रहे खुलासों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि बुच एक सीरियल अपराधी हैं जिन्होंने ऐसे काम किए हैं जो एक पब्लिक सर्वेन्ट के तौर पर पूरी तरह गलत है और यह भारत के राष्ट्रीय हितों को खतरा पहुंचाते हैं।

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जानें सेबी प्रमुख पर क्या हैं आरोप?

यह शिकायत 11 सितंबर को दर्ज की गई थी। इससे पहले अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया था कि सेबी प्रमुख (SEBI Chief)  और उनके पति ने ऑफशोर फंड में निवेश किया था जो अडानी समूह की कंपनियों से जुड़े हैं। यह इस दौरान हुआ जब सेबी अडानी समूह (Adani Group)  के खिलाफ शेयर के हेर फेर की शिकायतों की जांच कर रहा था। सेबी प्रमुख (SEBI Chief)  पर अडानी समूह (Adani Group) के खिलाफ शिकायतों से निपटने से खुद को अलग न करने के लिए हितों के टकराव और भ्रष्टाचार का आरोप है।

अडानी को भी घसीटा भ्रष्टाचार निवारण कानून का हवाला देते हुए महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने कहा कि इस कानून की धारा 21 के तहत, माधवी बुच, धवल बुच (उनके पति), गौतम अडानी (Gautam Adani) , विनोद अडानी, सिरिल श्रॉफ रूप से जवाबदेह हैं। उन्होंने आगे दावा किया कि सेबी के बोर्ड सदस्यों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में अब लगभग 10 करोड़ नागरिक हैं जो प्रत्यक्ष और/या अप्रत्यक्ष निवेशक हैं। इसके अलावा, विदेशी निवेशकों ने भी भारत के शेयर बाजारों और इसकी विश्वसनीयता पर गहरी चिंता जताई है। इसलिए यह राष्ट्रीय हित का एक गंभीर मामला है और इसलिए जांच की जानी चाहिए।

सेबी प्रमुख (SEBI Chief) ने आरोपों को किया है खारिज इससे पहले कांग्रेस ने भी पिछले कुछ हफ्तों में सेबी की ईमानदारी पर सवाल उठाए हैं। 10 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अपने करीबी दोस्तों को बचाने के लिए सेबी को कलंकित किया है। हालांकि सेबी अध्यक्ष (SEBI Chief)  ने आरोपों को खारिज कर दिया।

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