नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने कहा कि शुक्रवार को एक्स पोस्ट पर लिखा कि भाजपा को भारत के संविधान से इतनी नफ़रत क्यों हो गई है? उन्होंने कहा कि यह सवाल हम महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस व असम के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा शर्मा से तो पूछ ही रही रहें हैं। पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi), जिनको लोकसभा चुनाव 2024 के बाद संसद में संविधान को झुककर प्रणाम करना पड़ा, उनसे भी पूछ रहें हैं।
पढ़ें :- यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, बोले-यूपी में होते हैं फेक एनकाउंटर,सजा देना न्यायालय का काम
मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने कहा कि BJP/RSS के नेता संविधान को बार-बार नक्सलवाद से जोड़कर क्या देश में मनुस्मृति लागू करने का अपना पराजित एजेंडा लाना चाहते है? उन्होंने कहा कि BJP/RSS के नेता ये बर्दाश्त नहीं कर पा रहें हैं कि संविधान सभी को बराबरी का हक़ देता है और दलित, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यक व ग़रीब वर्गों को शक्ति प्रदान करता है।
भाजपा को भारत के संविधान से इतनी नफ़रत क्यों हो गई है?
यह सवाल हम महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व असम के मुख्यमंत्री से तो पूछ ही रही रहें हैं, मोदी जी, जिनको लोकसभा चुनाव के बाद संसद में संविधान को झुककर प्रणाम करना पड़ा, उनसे भी पूछ रहें हैं।
BJP/RSS के नेता संविधान को…
पढ़ें :- BJP युवाओं को नौकरी दे नहीं सकती, लेकिन परीक्षा फॉर्म पर 18 प्रतिशत GST वसूल कर उनके जख्मों पर नमक छिड़क रही : प्रियंका गांधी
— Mallikarjun Kharge (@kharge) November 8, 2024
खरगे ने कहा कि RSS के मुखपत्र Organiser ने 30 नवंबर, 1949 के अंक में संपादकीय में लिखा था कि भारत के इस नए संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमे भारतीय कुछ भी नहीं है। प्राचीन भारत के अद्भुत संवैधानिक विकास के बारे में इसमें कोई ज़िक्र ही नहीं है। आज तक मनुस्मृति में दर्ज मनु के कानून दुनिया की प्रशंसा का कारण हैं और वे स्वयंस्फूर्त आज्ञाकारिता और अनुरूपता पैदा करते हैं। हमारे संवैधानिक विशेषज्ञों के लिए यह सब निरर्थक है। उन्होंने कहा कि यहां आरएसएस साफ तौर पर भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता यानी अंबेडकर के विरोध में और मनुस्मृति के समर्थन में खड़ी है।
खरगे ने कहा कि पूरा देश जानता है कि संघ परिवार ने उस समय किस तरह संविधान की प्रतियां जलाईं व पंडित नेहरू व बाबासाहेब आंबेडकर जी के पुतले फूंके। महाराष्ट्र और देश की जनता संविधान विरोधी और आरक्षण विरोधी, भाजपा को करारा जवाब देगी।