नई दिल्ली। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (Kolkata RG Kar Medical College) में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से बंगाल सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। कोलकाता की घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यही वजह है कि बंगाल सरकार ने भी महिलाओं की सुरक्षा मजबूत करने के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी करने की तैयारी की हैं।
पढ़ें :- क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए आर्मी ने फ्यूल सप्लाई चेन में बायो- डीजल को किया शामिल, जनरल पुष्पेंद्र पाल सिंह ने दिखाई हरी झंडी
महिला सुरक्षा (Women Safety) के मुद्दे पर शनिवार को एक बैठक हुई, जिसमें सीएम ममता बनर्जी भी वर्चुअली शामिल हुईं। इस बैठक में ही सरकारी संस्थानों में महिला सुरक्षा के लिए दिशा निर्देश तय किए गए। मुख्यमंत्री के सलाहकार अलापन बंदोपाध्याय ने बताया कि जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया जाएगा और जल्द ही उन्हें लागू कर दिया जाएगा।
इनके मुताबिक महिला सुरक्षा (Women Safety) से जुड़ी एक मोबाइल एप लॉन्च की जाएगी। साथ ही सुरक्षाकर्मियों में महिलाओं की भी भर्ती की जाएगी और साथ ही संस्थानों को महिलाओं की रात की ड्यूटी न लगाने के लिए कहा जाएगा।
निर्भया के दोषियों को 2020 में फांसी दी गई लेकिन उससे पहले और बाद में इतनी घटनाएं हुईं,किसको न्याय मिला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (Kolkata RG Kar Medical College) में डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना पर निर्भया की मां आशा देवी का कहा कि, ‘मुझे नहीं लगता कि महिलाओं की सुरक्षा और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए कुछ किया गया है, कानून जरूर बनाए गए लेकिन कोई काम नहीं हुआ। निर्भया के दोषियों को 2020 में फांसी दी गई लेकिन उससे पहले और बाद में इतनी घटनाएं हुईं,किसको न्याय मिला? घटनाएं रोज हो रही हैं।
पढ़ें :- Research Report : पुरुषों की घट रही है प्रजनन क्षमता, इन कारणों से बढ़ रही है समस्या
महिलाओं की जरूरतों का ख्याल नहीं रखेंगे तो महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी?
अगर आप दोषियों को सजा नहीं देंगे और उन्हें जेल में नहीं डालेंगे। महिलाओं की जरूरतों का ख्याल नहीं रखेंगे तो महिलाएं कैसे सुरक्षित रहेंगी? जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलेगी, जब तक फास्ट ट्रैक कोर्ट में काम नहीं होगा और जब तक बनाए गए कानूनों पर काम नहीं होगा तब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी और महिलाएं सुरक्षित नहीं होंगी।’