लखनऊ। सुल्तानपुर डकैती कांड (Sultanpur Robbery Case) में आरोपी मंगेश यादव (Mangesh Yadav) के फर्जी एनकाउंटर (Fake Encounter) के आरोपों पर यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार (UP DGP Prashant Kumar) ने गुरुवार को सफाई दी है। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में निष्पक्ष कार्रवाई हुई है। इस एनकाउंटर को लेकर लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह निराधार हैं। उन्होंने कहा कि अभी बुधवार को ही कोर्ट ने जबरन धर्मांतरण करवाने वालों को सजा सुनाई। धर्मांतरण रैकेट के खुलासे में भी हमारे ऊपर आरोप लगे थे। हाथरस मामले में भी पुलिस पर आरोप लगे, लेकिन कोर्ट में हम सही साबित हुए। सुल्तानपुर डकैती मामले (Sultanpur Robbery Case) में एसटीएफ (STF) ने सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) भी जारी किए हैं।
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एनकाउंटर में मारे गए बदमाश मंगेश यादव (Mangesh Yadav) के परिजनों के बयान भी जारी किये हैं। यूपी डीजीपी (UP DGP) ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) के लगाए गए उन आरोपों का जवाब दे रहे थे जिनमें कहा गया था कि मंगेश यादव (Mangesh Yadav) को घर से उठाकर एनकाउंटर किया गया।
यूपी डीजीपी (UP DGP) ने कहा कि इस डकैती में लूटे गए सोने की शत प्रतिशत बरामदगी की जा चुकी है। पुलिस कार्रवाई के दौरान बदमाश भी पुलिस पर फायरिंग करते हैं। ऐसी कार्रवाई को लेकर तरह-तरह को भ्रांतियां लोगों के द्वारा फैलाई जाती हैं। पीयूसीएल की गाइडलाइंस का हम सख्ती से पालन करवाते हैं। किसी भी मामले में किसी भी संवैधानिक संस्था ने यूपी को लेकर उंगली नहीं उठाई है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश (ADG Law and Order Amitabh Yash) ने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले गैंग लीडर विपिन सिंह था। वह लखनऊ और गुजरात की बड़ी डकैतियों में भी शामिल था। 13 और 15 अगस्त को विपिन, फुरकान और उनके तीन साथियों ने रेकी की थी। घटना में मंगेश यादव (Mangesh Yadav) भी शामिल था। उन्होंने बताया कि वारदात के समय फुरकान, अनुज और अरबाज डकैती के लिए दुकान में अंदर घुसे थे। विपिन, विनय शुक्ला और मंगेश बाहर थे।
एडीजी लखनऊ एस बी शिरोडकर (ADG Lucknow SB Shirodkar) ने बयान दिया कि दो बार दुकान की रेकी की गई थी। विपिन और सचिन ने रेकी की। घटना में इस्तेमाल दो बाईक जौनपुर से चुराई गई थीं और वारदात के बाद भागने के लिए बोलेरो गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था।