वाराणसी। देश में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते महाश्मशान मणिकर्णिका घाट (Mahasmshan Manikarnika Ghat) पर शवदाह के लिए महाजाम की स्थिति बन गई है। घाट से लेकर गलियों तक शवयात्रियों की भीड़ लगी हुई है। नौतपा (Nautapa) में गर्मी बढ़ने के बाद शवदाह के लिए आने वालों की संख्या में पांच गुना का इजाफा हुआ है। गुरुवार की मध्य रात्रि में तो शवयात्रियों की भीड़ ऐसी उमड़ी की घाट से लकड़ियां और पूजन सामग्री तक की किल्लत हो गई। बीती रात लगभग तीन सौ से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
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शुक्रवार की दोपहर तक मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat ) पर शवदाह के लिए अनवरत कतार लगी रही। तापमान में रिकाॅर्ड बढ़ोत्तरी के बाद मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat ) पर बीती रात शवदाह करने वालों की लंबी लाइन लग गई थी। हालत यह हो गई कि मैदागिन के साथ ही भैंसासुर घाट (Bhainsasur Ghat) से लेकर मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat ) तक शवयात्री ही नजर आ रहे थे।
जगह कम होने और भीड़ अधिक होने के कारण एक शव को जलाने के लिए पांच से छह घंटे का इंतजार करना पड़ रहा था और दूसरी ओर से शवयात्रियों के आने का सिलसिला भी बना हुआ है। मशान नाथ सेवा समिति के संजय गुप्ता (Sanjay Gupta of Mashan Nath Seva Samiti) ने बताया कि भीड़ बढ़ने के कारण पहली बार मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat ) से शवों को हरिश्चंद्र घाट के लिए रवाना कर दिया गया।
महाश्मशाननाथ सेवा समिति के महामंत्री बिहारी लाल गुप्ता (General Secretary of Mahashamshannath Seva Samiti, Bihari Lal Gupta) ने बताया कि गरमी बढ़ने के कारण दो दिनों में शवदाह के लिए भीड़ का दबाव अचानक बढ़ गया है। बीती रात तो भीड़ अप्रत्याशित हो गई। मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat ) की ओर जाने वाली गली में से हर दो मिनट में एक शवयात्रा गुजर रही थी।
घाट पर रहने वाले त्रिलोक नाथ भैरव (Trilok Nath Bhairav) ने बताया कि आम दिनों में शवयात्रियों की संख्या 50 से 60 होती है लेकिन बीती रात तीन सौ से अधिक शवयात्री घाट पर पहुंचे। आम दिनों की अपेक्षा पांच गुना अधिक संख्या बढ़ गई है। तापमान बढ़ने के कारण आसपास के जिलों में भी मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। डोम राजा ओम चौधरी (Dom Raja Om Chaudhary) ने बताया कि कोरोना काल (Corona Period) के बाद यह पहला मौका है जब अचानक शवदाह करने वालों की भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ी है।