इंफाल। मणिपुर राजभवन (Manipur Raj Bhavan) की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे छात्रों, महिला प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच मंगलवार को झड़प हो गई। हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। प्रदर्शनकारी मणिपुर सरकार (Manipur Government) के डीजीपी (DGP) और सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग कर रहे हैं।
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मणिपुर विश्वविद्यालय (Manipur University) के छात्रों ने भी विरोध रैली निकाली और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) का पुतला फूंका। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच अधिकारियों ने पूर्वोत्तर राज्य के तीन जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है। इंफाल के पूर्वी और पश्चिमी जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है, जिससे निवासियों को अपने घर छोड़ने पर रोक लगा दी गई है क्योंकि अधिकारी सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना चाहते हैं। इसके अतिरिक्त, थौबल जिले में बीएनएसएस की धारा 163 (2) के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। ये उपाय किसी भी तनाव को बढ़ने से रोकने और इन क्षेत्रों में जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं।
इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में पहले कर्फ्यू में छूट, जिसमें 10 सितंबर को सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक आवाजाही की अनुमति थी, नवीनतम आदेश के बाद रद्द कर दी गई है। कड़े कर्फ्यू के बावजूद, मीडिया, बिजली, अदालतें और स्वास्थ्य सेवा जैसी आवश्यक सेवाओं को प्रतिबंधों से छूट दी गई है। कर्फ्यू में वृद्धि तब हुई है जब छात्र कानून और व्यवस्था की स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालने में उनकी कथित विफलता का हवाला देते हुए पुलिस महानिदेशक (DGP) और राज्य के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग करते हुए अपना विरोध प्रदर्शन तेज करने की योजना बना रहे हैं।
छात्र नेता चौधरी विक्टर सिंह ने 24 घंटे का दिया समय
छात्र नेता चौधरी विक्टर सिंह (Student leader Choudhary Victor Singh) ने मंगलवार की सुबह कहा कि हमने राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को अपनी छह मांगों पर जवाब देने के लिए 24 घंटे की समय सीमा दी है। समय सीमा समाप्त होने के बाद हम अपनी कार्रवाई के बारे में फैसला करेंगे। हजारों छात्रों ने सोमवार को मणिपुर सचिवालय (Manipur Secretariat) और राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया और हाल ही में हुए ड्रोन एवं मिसाइल हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की तथा राज्य की क्षेत्रीय और प्रशासनिक अखंडता की सुरक्षा की मांग की। ताजा हिसंक घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं।