Manipur Violence: मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रही है। विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर दौरे पर गया था, जहां विपक्षी सांसदों ने राहत—शिविर का दौरा किया और लोगों से बातचीत की। मणिपुर से लौटने के बाद सभी वहां की स्थिति के बारे में अवगत कर रहे हैं। साथ ही बताया जा रहा है कि राज्य में हालात किस कदर बिगड़ रहे हैं। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर मणिपुर को लेकर कई बातें कहीं हैं। उन्होंने बताया कि हमारे गठबंधन INDIA के सांसदों ने कैसे मणिपुर के लोगों से बात की और दिल दहला देने वाली कहानियां सुनीं।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो तमाम विपक्षी सांसद बैठे दिख रहे हैं, जो मणिपुर के दौरे पर गए थे। इस बैठक में खरगे भी शामिल हुए। बैठक में सांसदों ने वीडियो और तस्वीरों के जरिए बताया कि मणिपुर में फिलहाल कैसे हालात हैं। इसी बातचीत का जिक्र खरगे ने अपने ट्वीट में किया है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्विटर पर लिखा, मणिपुर में लगातार उथल-पुथल मची है। मोदी सरकार इसे लेकर लगातार उदासीन नजर आई। हमारे INDIA गठबंधन के सांसदों ने राज्य का दौरा करने के बाद लोगों से दर्द की दिल दहला देने वाली कहानियां सुनीं, जिसमें सभी समुदाय के लोग शामिल थे।
While Manipur faced turmoil, the Modi Government appeared indifferent.
Our INDIA alliance MPs, after visiting the state, heard heart-wrenching stories of pain from the people. They engaged with all communities.
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Over 50,000 people, including 10,000 innocent children, are in… pic.twitter.com/ZgCEozt2sA — Mallikarjun Kharge (@kharge) July 31, 2023
उन्होंने कहा कि, 10,000 मासूम बच्चों सहित 50,000 से अधिक लोग अपर्याप्त सुविधाओं वाले राहत शिविरों में हैं, खासकर महिलाओं के लिए और दवाओं और भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं। आर्थिक गतिविधियां रुक गई हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, किसानों ने अपनी खेती बंद कर दी है, और लोग वित्तीय घाटे और मनोवैज्ञानिक कठिनाइयों दोनों से जूझ रहे हैं।
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा है कि, चुनावी रैलियों, सेल्फ-पीआर ट्रेन के उद्घाटन और भाजपा की बैठकों में भाग लेने के लिए समय होने के बावजूद, पीएम मोदी के पास मणिपुर के लोगों की पीड़ा और दर्द को संबोधित करने या अंतर-सामुदायिक मुद्दों को हल करने की दिशा में काम करने के लिए समय नहीं है। मोदी सरकार मणिपुर की स्थिति से निपटने में अनभिज्ञ और दिशाहीन प्रतीत होती है, जो संसद में एक व्यापक बयान के अभाव से स्पष्ट है।