नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) की बैठक खत्म हो गई है। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के देश को योगदान को याद किया गया और एक शोक प्रस्ताव (Condolence Resolution) भी पारित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह (Former PM Manmohan Singh) को श्रद्धांजलि दी। कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) की विनम्रता, सौम्यता और बौद्धिकता उनकी पहचान बनी। दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा लेने और सरकार के शीर्ष पदों पर रहने के बाद भी उनका व्यक्तित्व बेहद सरल था। वे सभी के लिए सहज उपलब्ध रहे। जब मैं सीएम था, तब उनके साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर खुले मन से चर्चा होती थी। मेरे दिल्ली आने पर उनसे बात और मुलाकात होती थी।
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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former PM Manmohan Singh) का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। आज उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित कई दिग्गजों ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए। सिंह का अंतिम संस्कार कल (28 दिसंबर) किया जाएगा। उनकी एक बेटी अमेरिका से आ रही हैं, जिनका इंतजार किया जा रहा है।
पूर्व पीएम के निधन पर सरकार ने 7 दिन का राजकीय शोक (State Mourning) घोषित किया है। उनके निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने आज अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। बता दें कि उन्हें बेहोश होने के बाद गुरुवार शाम दिल्ली AIIMS में भर्ती कराया गया था, जहां रात 9.51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। निधन के बाद देर रात मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) का पार्थिव शरीर AIIMS से उनके दिल्ली स्थित आवास पर लाया गया। डॉ. मनमोहन सिंह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे। इससे पहले भी उन्हें कई बार स्वास्थ्य कारणों से अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था।
संजय सिंह ने मनमोहन सिंह के लिए की भारत रत्न की मांग
आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former PM Manmohan Singh) के लिए भारत रत्न की मांग की है। वहीं, देश के पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह (Former PM Dr. Manmohan Singh) के निधन के बाद उनके साथ यूपीए-1 और यूपीए-2 कैबिनेट में सहयोगी रहे सुबोध कांत सहाय ने उन्हें याद किया है। सहाय ने कहा कि पूर्व पीएम का झारखंड से गहरा लगाव रहा है। मनरेगा की लॉन्चिंग के लिए उन्होंने झारखंड को ही चुना था। यह पहली योजना थी, जो तब कम से कम 100 दिनों के रोजगार की गारंटी मजदूरों को देती है।