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मौलाना शहाबुद्दीन, बोले- नए साल का जश्न इस्लाम में नाजायज, 31 दिसंबर की रात होती है फूहड़बाजी

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (All India Muslim Jamaat) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी (National President Maulana Shahabuddin Razvi Bareilvi) ने सोमवार को वीडियो जारी कर मुस्लिम समाज के लोगों से नए साल का जश्न न मनाने की अपील की है। उन्होंने इसे फिजूलखर्ची बताया और कहा कि शरीयत की रोशनी में नए साल का जश्न नाजायज है। मौलाना का यह बयान सोशल मीडिया (Social Media) पर चर्चा का विषय बन गया है।

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शहाबुद्दीन रजवी (Shahabuddin Razvi) ने बताया कि उनसे कुछ लोगों ने सवाल पूछा है कि नए साल पर जश्न मनाना जायज है या नाजायज। इसके जवाब में मौलाना ने कहा कि नए साल पर जश्न मनाना शरीयत की रोशनी में नाजायज है। उन्होंने बताया कि इस्लामी कलेंडर (Islamic Calendar) का साल मुहर्रम के महीने से शुरू होता है। ऐसे ही हिंदू कलेंडर (Hindu Calendar)का साल चैत्र माह से शुरू होता है। 31 दिसंबर या एक जनवरी को नए साल का जश्न मनाना यूरोपियन कल्चर है।

मौलाना ने कहा कि नए साल के जश्न के नाम पर 31 दिसंबर की रात फूहड़बाजी, शोर-शराबा, हंगामा, नाचना-गाना होता है। ये सब फिजूलखर्ची है। शरीयत में इन तमाम चीजों की इजाजत नहीं है। शरीयत में फिजूलखर्ची को नाजायज करार दिया है। इसलिए मुसलमान लड़के-लड़कियां नए साल का जश्न न मनाएं। अगर कहीं से जश्न मनाने की खबर मिली तो उलमा इसे सख्ती से रोकेंगे।

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