बाड़मेर । पाकिस्तान को धूल चटाने वाले मिग-21 (MiG-21) वायुसेना से विदा हो गया है। 30 अक्टूबर को उसने राजस्थान के बाड़मेर स्थित उतरलाई एयरबेस से आखिरी उड़ान भरी थी। मिग-21 (MiG-21) भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की सेवा करने वाले इस लड़ाकू विमान ने हर मोर्चे पर साथ दिया। पाकिस्तान (Pakistan) को धूल चटाने वाले इस लड़ाकू विमान ने 60 साल तक भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की सेवा की। करगिल से लेकर बालाकोट तक भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का हर मोर्चे पर इसने का साथ दिया।
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मगर अब इसे सुखोई-30 MKI (Sukhoi-30 MKI) विमान से बदला जा रहा है क्योंकि उतरलाई एयरबेस पर अब मिग से बदले Su-30 MKI स्क्वाड्रन की तैनाती होगी। बता दें कि 57 साल बाद उतरलाई एयरबेस से मिग-21 (MiG-21) की विदाई हो गई है। यह लड़ाकू विमान 1966 से यहां सेवा दे रहा था। मिग-21 (MiG-21) भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की सेवा में पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था। इसे 1963 में इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) में शामिल किया गया था।
1963 से लेकर इसने सभी प्रमुख युद्धों में भाग लिया। करगिल (Kargil) से लेकर बालाकोट (Balakot) तक, इसने पाकिस्तान को धूल चटाई। इसी लड़ाकू विमान से अभिनंदन ने पाकिस्तानी एफ-16 (Pakistani F-16) को मार गिराया था। मिग-21 (MiG-21) के विदाई कार्यक्रम में तीन सेनाओं के सैनिक मौजूद रहे। मंगलवार 31 अक्टूबर को उत्तरलाई में एक कार्यक्रम के दौरान मिग-21 और सुखोई-30 MKI (Sukhoi-30 MKI) दोनों ने एक साथ उड़ान भरी थी। यह मिग-21 (MiG-21) की आखिरी उड़ान थी।
बता दें कि हाल के दिनों में मिग-21 (MiG-21) लड़ाकू विमान से कई हादसे हुए। इसको लेकर इसकी काफी आलोचना हुई। इसकी सुरक्षा को लेकर तमाम तरह के सवाल खड़े होने लगे। ऐसे में एक यह भी कारण रहा होगा भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) से इसे हटाने का। पिछले 10 साल में मिग-21 (MiG-21) से कई बड़े हादसे हुए।