Millets Nutrition : धरती पर तेजी से बदल रहे पर्यावरण तेजी से बदलती जीवन शैली में सेहत फिट रहे इसका विशेष ध्यान देना आवश्यक है। पर्यावरणीय प्रदूषण का असर हम सबके सेहत पर भी पड़ता है। भोजन और पोषण का बहुत गहरा संबंध है। भोजन सेहत के अनुकूल होना चाहिए। पोषण के मामले में मोटे अनाजों का कोई मुकाबला नहीं है। आजकल मोटे अनाजों में मुख्य तौर से बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी (मडुआ), सांवा, कोदो, कंगनी, कुटकी और जौ शामिल हैं, जो हर लिहाज़ से हमारी सेहत के लिए फायदेमंद हैं। सभी मोटे अनाजों में कैल्शियम, फाइबर, विटामिन्स, आयरन और प्रोटीन की मात्रा होती है, जो हमारे भोजन को पौष्टिक बनाते हैं। ये अनाज ग्लूटन-फ्री सुपरफूड्स हैं जो डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
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बाजरा
प्रोटीन से भरपूर बाजरा हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है। फाइबर की अधिकता के कारण यह पाचन क्रिया में सहायक होता है और वजन कम करने में भी मदद मिलती है।बाजरे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके सेवन से कैंसर वाले टॉक्सिन नहीं बनते हैं। बाजरा जीवनशैली की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए स्वस्थ विकल्प के रूप में लोकप्रिय हो रहा है, चाहे वह मधुमेह, हृदय रोग, आंतों के विकार या ग्लूटेन से एलर्जी हो।
रागी
रागी (मडुआ) उच्च पोषण वाला मोटा अनाज है, जिससे उपज की शुरुआत भारत से ही मानी जाती है। प्रति 100 ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है यानी कि यह कैल्शियम से भरपूर है।
ज्वार
गर्भवती महिलाओं और डिलीवरी के बाद के दिनों के लिए ज्वार का सेवन फायदेमंद है। इसके अलावा इसमें पोटेशियम और फास्फोरस की भी अच्छी मात्रा होती है। ज्वार का उपयोग बेबी फूड बनाने में भी होता है।