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योगी से छुट्‌टी लेकर ही प्रदेश छोड़ पाएंगे मंत्री: सीएम ने नव-निर्वाचित मंत्रियों को सौंपा 100 दिन का एजेंडा

By प्रिया सिंह 
Updated Date

10 मार्च को भाजपा सरकार एक बार फिर से पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर लिया है। 25 मार्च को सीएम योगी ने दूसरी बार सीएम पद के लिए शपथ ग्रहण किए। जिसके बाद से वह एक्शन में नजर आ रहे हैं। सरकार के गठन और विभागों के बंटवारे के बाद अब नजर मंत्रियों के काम-काज पर है।

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सीएम के इस अंदाज को देखकर कहा जा रहा है कि इस बार मंत्रियों की सफर काफी कठिन रहेगी। कल योगी का फैसला आया था कि मंत्रियों को पुराना स्टाफ रखने की छूट नहीं होगी और साथ ही वे अपनी पसंद से निजी स्टाफ भी नहीं रख सकेंगे।

जहां भाजपा भष्टाचार जीरो टॉलरेंस की अपनी यूएसपी को इस सरकार में भी बनाए रखने के लिए लगातार काम कर रही है और बड़े फैसलें ले रही है।

मंत्रियों को दिया टारगेट

सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार काफी सख्त नजर आ रही है। सीएम योगी ने नव-निर्वाचित मंत्रियों को 100 दिनों का समय दिया है। 100 दिनों के अन्दर सभी मंत्री अपने-अपने विभागों की समीक्षा करेंगे।

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योगी सरकार ने यह भी कहा कि कैबिनेट के समक्ष विभागीय प्रस्तुतियां संबंधित मंत्री द्वारा ही दी जाएंगी।अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव केवल सहायता के लिए वहां मौजूद होंगे। मंत्रियों को अपनी रिपोर्ट में यह भी बताना होगा कि अगले 100 दिन में क्या करेंगे। विभाग में नया क्या होगा।

UP से बाहर जाने की जानकारी देनी होगी

कोई भी मंत्री अगर प्रदेश से बाहर जा रहा हो तो उसको सीएम और पार्टी दोनों को जानकारी देनी होगी। बिना जानकारी के वह प्रदेश से बाहर नही जा पाएंगे। बता दें कि सरकारी धन के दुरुपयोग और किसी भी तरह की कॉन्ट्रोवर्सी से बचने के लिए यह निर्देश दिया गया है।

फिजूलखर्ची पर रोक लगाएं

गौरतलब है कि सीएम योगी ने फिजूलखर्ची रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किया है। योगी सरकार के मंत्रियों के लिए नए बंगले तैयार किया जा रहा है। जिसको लेकर सरकार ने कहा कि बंगलों में साज-सज्जा पर ज्यादा पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है। फर्नीचर को बदलने की आवश्यकता नहीं है। मंत्रियों के लिए नई गाड़ियां नहीं खरीदी जाएंगी और साथ ही जिन मंत्रियों के पास पहले से ही आवास है, उन्हें नए बदलाव की जरूरत नहीं है।

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