लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने संसद में चल रहे मानसून सत्र (monsoon session) के दौरान किसान आंदोलन (Farmers’ Protest) के समर्थन में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) को सलाह दी है कि किसानों के प्रति सरकारों को अहंकारी न होकर बल्कि संवेदनशील व हमदर्द होना चाहिए।
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किसानों के प्रति सरकारों को अहंकारी ना होकर बल्कि संवेदनशील व हमदर्द होना चाहिए। किन्तु दुःख यह है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर काफी लंबे समय से किसान यहाँ आंदोलित है अब ये जंतरमंतर पर किसान संसद लगाए हैं केन्द्र चालू सत्र में ही इनको रद्द करें। बीएसपी की यह माँग
— Mayawati (@Mayawati) July 23, 2021
मायावती ने कि किन्तु दुःख यह है कि तीन कृषि कानूनों (Three Agricultural Laws) को रद्द करने को लेकर काफी लंबे समय से देश के किसान आंदोलित हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि अब मजबूर हो ये किसान जंतर-मंतर पर किसान संसद (Farmers’ Parliament) लगाए हैं। मायावती ने कहा कि बीएसपी (BSP) की यह मांग है केन्द्र सरकार चालू सत्र में ही इनको रद्द करें।
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बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) के नेतृत्व में किसान ने जंतर-मंतर पर बीते किसान संसद (Farmers’ Parliament) लगाए हैं। इस मामले में गुरुवार को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी (Union Minister of State for External Affairs Meenakshi Lekhi) ने प्रेस कांफ्रेंस कर किसानों को मवाली बता दिया है। इसके बाद वह यहां भी नहीं रुकी। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि वे किसान ही नहीं हैं। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि किसान आंदोलन की आड़ में पॉलिटिकल एजेंडे को धार दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक नेरेटिव को आगे बढ़ाया जा रहा है।
मीनाक्षी लेखी ने इस दौरान तर्क दिया कि इस प्रदर्शन की आड़ में कुछ बिचौलियों की मदद की जा रही है। लेखी की इस टिप्पणी पर आग बबूला बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि गुंडे वे हैं जिनके पास कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों पर इस तरह की टिप्पणी करना गलत है। राकेश टिकैत ने कहा कि हम किसान हैं, गुंडे नहीं। किसान जमीन के अन्नदाता हैं।