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मुरादाबाद:दुनिया में दूसरे नंबर पर मुरादाबाद का ध्वनि प्रदूषण

By रूपक त्यागी 
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उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद को वैश्विक सूची में दूसरे पायदान पर जगह मिली है।दरअसल संयुक्त् राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के तहत एनुअल फ्रंटियर रिपोर्ट 2022 जारी की गई है। सूची में शहरों के ध्वनि प्रदूषण स्तर को बताया गया है। जिसके अनुसार बांंग्लादेश की राजधानी ढाका दुनिया का सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषित शहर है। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का जनपद मुरादाबाद आया है।भारत में ध्वनि प्रदूषण लगातर बढ़ रहा है। ये बढ़ता ध्वनि प्रदूषण का स्तर अनेकों बीमारियों को जन्म दे रहा है।

यूएन की रिपोर्ट में मुरादाबाद शहर दुनिया में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषित शहरों की सूची में दूसरे नंबर पर है।मुरादाबाद में अधिकतम 114 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया है। यूएन की इस रिपोर्ट में दुनियाभर के 61 शहरों को स्थान मिला है।मुरादाबाद के अलावा देश के चार अन्य शहर भी इस सूची में शामिल हैंं। इनमें कोलकाता और बिहार का असम 89 डेसिबल, राजस्थान की राजधानी जयपुर 84 डेसिबल और दिल्ली 83 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण के साथ सूची में शामिल है।मुरादाबाद के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और विज्ञान विशेषज्ञ डॉक्टर आनंद सिंह का मानना है कि आज जो ये ध्वनि प्रदूषण की बात है।मुरादाबाद दूसरे नम्बर पर दिख रहा है। यह चिंताजनक बात है। लेकिन इसके लिए जरूरी यह है कि सबसे पहले यहां पर जो रोड की कंडीशन है वह ठीक की जाए एक स्थान पर गाड़ियां इकट्ठा ना हो । और स्पीड उनकी जब बढ़ेगी तो निश्चित रूप से सड़के क्लियर होंगी हॉर्न भी कम बजेंगे और उससे जो ध्वनि प्रदूषण का लेवल है वो नीचे आएगा । जिम्मेदारी कि अगर बात है तो यह कहना न केवल सरकारी महकमा जिम्मेदार है बल्कि हमारी भी यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है की जो हमारा गाड़ी चलाने का तरीका है।कम से कम हम हॉर्न का प्रयोग करें। और जो प्रेसर हॉर्न है।आजकल लोगों ने अपनी गाड़ियों में लगा रखे है।वो बैसे भी नियम विरुद्ध है।

रिपोर्ट:- रूपक त्यागी

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