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बाबर के नाम पर मस्जिद देश के किसी भी मुसलमान को स्वीकार्य नहीं : मौलाना यासूब अब्बास

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद स्थित बेलडांगा में निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर (Humayun Kabir) शनिवार को अपने घोषित कार्यक्रम के मुताबिक ‘बाबरी मस्जिद’ (Babri Masjid) का शिलान्यास कर दिया है। बता दें कि शुक्रवार को ही हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है।

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अखिल भारतीय शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव (All India Shia Personal Law Board) मौलाना यासूब अब्बास (Maulana Yasoob Abbas) ने कहा कि ऐसा बयान देश को तोड़ने की साजिश है और इसके पीछे कोई न कोई राजनीतिक मंशा जरूर है। मंदिर और मस्जिद के नाम पर कई झगड़े और हिंसा हुई है। मस्जिद का नाम अल्लाह या उसके रसूलों के नाम प होना चाहिए, न कि देश को लूटने वालों के नाम पर, क्योंकि लोग धार्मिक स्थलों पर शांति के लिए जाते हैं और इसमें राजनीति को शामिल करना गलत है। उन्हें सस्ती लोकप्रियता मिल रही है, क्योंकि मस्जिद के लिए बाबर नाम चुना है, जो किसी भी मुसलमान को स्वीकार्य नहीं है।

हुमायूं कबीर अगर किसी और नाम से मस्जिद बनवा रहे होते, तो उन्हें धार्मिक सीमाओं से उठकर योगदान मिलता : इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन 

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन (Athar Hussain, Secretary of the Indo-Islamic Cultural Foundation) ने कहा कि अगर कोई मस्जिद वैध जगह पर है और उसका नक्शा स्वीकृत है, तो उस धर्म के लोग उसे बना सकते हैं। लेकिन केवल बाबर के नाम पर मस्जिद बनाना एक राजनीतिक उद्देश्य है। इससे धार्मिक विश्वास की वास्तविक भावना कमजोर होती है। अगर वह (Humayun Kabir) मस्जिद बनाना चाहते हैं, तो नाम पर ध्यान दें। उन्होंने आगे कहा कि हुमायूं कबीर (Humayun Kabir) निलंबित विधायक हैं और उन्होंने राजनीति से प्रेरित होकर यह बयान दिया होगा। अगर वह किसी और नाम से मस्जिद बनवा रहे होते, तो उन्हें धार्मिक सीमाओं से उठकर योगदान मिलता। लेकिन अगर धार्मिक विश्वास की जगह राजनीति की जाए, तो इससे किसी को कोई खास फायदा नहीं होगा।

भाजपा नेता दिलीप घोष (BJP leader Dilip Ghosh) ने कहा कि वह यह मुस्लिम वोट बैंक के लिए कर रहे हैं। उन्हें एक नई पार्टी बनानी चाहिए और राज्य में मुसलमानों पर अत्याचारों के खिलाफ काम करना चाहिए और विकास की राजनीति करनी चाहिए। मुसलमान आगे बढ़ना चाहते हैं, उन्हें उनका नेतृत्व करना चाहिए।

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