नई दिल्ली। म्यांमार की ब्यूटी गर्ल हैन ले सैन्य तख्तापलट और हिंसा के विरोध का प्रमुख चेहरा बनकर उभर रही है। इस वजह से वह इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में आ गई हैं। सौन्दर्य प्रतियोगिता की हिस्सा बनने वाली ये ब्यूटी गर्ल, अब म्यांमार सैन्य तख्तापलट के विरोध का चेहरा बन गई है। मिस ग्रैंड म्यांमार हैन ले ने पिछले सप्ताह अपने देश में सेना के कथित अत्याचारों के बारे में जो भाषण दिया उसने पूरी दुनिया का ध्यान इस ओर खींचा है।
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बता दें कि थाईलैंड में हुए मिस ग्रैंड इंटरनेशनल समारोह के दौरान म्यांमार की पीड़ा को बयां किया है। इस बारे में बताते हुए हैन ले ने कहा कि “म्यांमार में कई लोग मारे जा रहे हैं। म्यांमार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अभी मदद चाहिए। कृपया मदद करें। हैन ले की उम्र महज 22 साल है। मिस ग्रैंड इंटरनेशनल में भाग लेने से कुछ दिनों पहले वे म्यांमार के यंगून शहर में सेना के तख्तापलट के विरोध में सड़क पर उतरकर संघर्ष कर रही थीं।
चुनी सरकार का हुआ है तख्तापटल
पिछले साल नवंबर में महीने में म्यांमार में हुए चुनाव में आंग सान सू ची की नेशनल लीग फऑर डेमोक्रेसी ने 83 प्रतिशत सीटें जीत ली थी।, लेकिन म्यांमार के सेना ने तख्तापलट कर आंग सू ची सहित कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया और सत्ता पर अपना कब्जा कर लिया था। तभी से म्यामांर में सेना के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन जारी है जिसमें अब तक सैकडों लोगों की जान जा चुकी है।
परिवार की चिंता सता रही है हैन ले को
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म्यांमार की हालात को देखते हुए हैन ले ने फैसला किया के वे अपने देश के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बात करेंगी। हैन ले बताया कि उनके देश में पत्रकारों को हिरासत में ले लिया गया है।वह जानती है कि इस प्रकार खुलेआम सेना की आलोचना करना उनके लिए खतरनाक है। म्यांमार से उनके दोस्तों और हितैषियों ने उन्हें देश में न आने की सलाह दी है। ऐसी स्थिति में हैन ले अभी थाईलैंड में ही रह रही हैं। उन्हें अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता भी सता रही है।
सोशल मीडिया पर धमकी और समर्थन दोनों
म्यांमार में सेना ने पिछले दिनों कई पत्रकारों, कार्यकर्ताओं यहां तक की सेलेब्रिटीज को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। हैन ले को भी सोशल मीडिया पर लगातार धमकियां मिल रही हैं। हालांकि ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो उनके मुद्दे औऱ उनकी बात का समर्थन कर रहे हैं। यही वजह है कि महज 22 साल की ये लड़की म्यांमार के सैन्य तख्तापलट और हिंसा के विरोध का प्रमुख चेहरा बनकर उभर रही है।