Narasimha Dwadashi 2025 : भगवान नरसिंह भगवान विष्णु के रौद्र रूप अवतार भी माने जाते हैं। मान्यता है कि नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने वाले के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार लिया था और दैत्यराज हिरण्यकशिपु का वध कर दिया। इस अवतार में उनका आधा शरीर सिंह यानी शेर और आधा मनुष्य का था। इस दिन नरसिंह द्वादशी का व्रत रखा जाता है।
पढ़ें :- Sakat Chauth 2026 : सकट चौथ पर शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें, मनोकामना पूरी होगी
नरसिंह द्वादशी 2025
इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि 10 मार्च को सुबह 7 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी। द्वादशी तिथि का समापन 11 मार्च की शाम को 8 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि की मान्यता के अनुसार 11 मार्च को नरसिंह द्वादशी का व्रत रखना शुभ माना जाएगा।
व्रत करने से व्यक्ति के पाप कटते हैं और भय का नाश होता है। नरसिंह द्वादशी का व्रत रखने से व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। व्रत रखने वाले भक्त की रक्षा स्वयं भगवान नरसिंह करते हैं वैसे ही जैसे उन्होंने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी। भगवान नरसिंह की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और शत्रुओं का नाश होता है।