नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नीट यूजी पेपर लीक (NEET UG paper leak) और री टेस्ट मुद्दे पर अहम सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं के सभी वकीलों से कहा है कि वह 10 जुलाई (बुधवार) तक अपनी दलील पेश करें। उसमें उन्हें बताना होगा कि नीट यूजी परीक्षा दोबारा क्यों होनी चाहिए? किसी भी वकील की दलील 10 पन्नों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नीट यूजी री टेस्ट को सबसे आखिरी विकल्प के तौर पर रखने के लिए कहा है।
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आज सुप्रीम कोर्ट में CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने NEET याचिकाओं पर सुनवाई की है। इस पीठ का नेतृत्व भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud) और दो अन्य न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा कर रहे थे। सीजेआई ने कहा है कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश सभी वकील इस बात पर अपनी दलीलें पेश करेंगे कि दोबारा परीक्षा क्यों होनी चाहिए । केंद्र तारीखों की पूरी सूची भी देगा । CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस मामले को बुधवार को सुन सकते हैं। सीबीआई (CBI) भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर सकती है।
CJI ने सरकार से किया सवाल
CJI ने कहा कि क्या इस मामले में किसी एक्सपर्ट को शामिल कर सकते है? इस मामले में सेल्फ डिनायल सही नहीं होगा। CJI ने पूछा कि हमें ये बात भी देखनी है कि भविष्य में इस तरह की बात न हो। उसको लेकर क्या किया जा सकता है। हम इस प्रतिष्ठित परीक्षा की बात कर रहे हैं। मिडिल क्लास परिवार के अभिभावक बच्चे मेडिकल में जाने के लिए लालायित रहते हैं। CJI ने कहा कि हम सरकार से ये जानना चाहते हैं कि सरकार ने इस मामले में क्या किया है? 100 फीसदी अंक 67 छात्रों को मिले हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि मार्क देने का तरीका क्या है?
परीक्षा रद्द करना अंतिम उपाय होना चाहिए
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CJI ने पूछा कि हमारी साइबर फोरेंसिक टीम के पास किस तरह की टेकनोलॉजी है? क्या हम सभी संदिग्ध का एक डेटा तैयार नहीं कर सकते। इस परीक्षा में जो हुआ और हम जो कदम उठा रहे हैं उससे आगे पेपर लीक नहीं होना चाहिए। CJI ने पूछा कि लीक के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए हैं? छात्र कहां हैं? 23 जून को 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा हो चुकी है। क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों की तलाश कर रहे हैं। क्या हम छात्रों का पता लगा पा रहे हैं? परीक्षा रद्द करना अंतिम उपाय होना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत से छात्र शामिल हैं।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने कहा कि सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? यह एक स्वीकार्य तथ्य है कि लीक हुआ है। हम केवल यह पूछ रहे हैं कि लीक से क्या फर्क हुआ है? हम 23 लाख छात्रों के जीवन से निपट रहे हैं। यह 23 लाख छात्रों की चिंता है जिन्होंने परीक्षा की तैयारी की है, कई ने पेपर देने के लिए काफी ट्रैवल भी किया है। इसमें खर्चा भी हुआ है।