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इलाज के अभाव में जेई व एईएस से किसी भी बच्चे की जान नहीं जानी चाहिए : मुख्य सचिव

By संतोष सिंह 
Updated Date

गोरखपुर। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र वीडियो कांफ्रेंसिंग कर गोरखपुर मंडल के अधिकारियों को से कहा कि जेई/एईएस एक गंभीर बीमारी है, जो अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में फैलती है। मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। किसी भी सूरत में इलाज के अभाव में किसी भी बच्चे की जान नहीं जानी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि एंबुलेंस की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही गांव-पंचायतों से पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य केन्द्र पर लाने हेतु वाहनों की टैगिंग अविलंब सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि हर हाल में पीड़ित बच्चों को स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया जाना है, इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही, कोताही, शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

आयुक्त सभागार में मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी, जिलाधिकारी विजय किरन आनंद, अपर आयुक्त अजय कांत सैनी ,नगर आयुक्त अविनाश सिंह ,सीएमओ डॉ आशुतोष दुबे, प्रधानाचार्य बीआरडी मेडिकल कॉलेज डॉक्टर गणेश सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को जेई /एईएस की रोकथाम के लिए कारगर उपाय करने का निर्देश दिया। गोरखपुर बस्ती मंडल के 7 जिले काफी प्रभावित पूर्व के वर्षों में रही लेकिन इस वर्ष अभी तक जेई एईएस का कोई भी मरीज नहीं पाया गया है। लेकिन तैयारी पहले से बेहतर रखी जाए।

जेई/एईएस की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन सहित चमकी को धमकी से संबंधित जानकारी का व्यापक स्तर पर बुकलेट, पम्फलेट, दीवाल लेखन, नुक्कड़ नाटक, फ्लेक्स, चौपाल आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही धर धर जाकर अभिभावकों को जागरूक किया जाय।

कालाजार की रोकथाम हेतु की जा रही तैयारियों की भी समीक्षा की गई। अस्पतालों में हीट वेव से प्रभावित लोगों के समुचित ईलाज के लिए चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ करें। हीट वेव से बचाव के लिए नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करते रहें।

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इंसेफेलाइटिस/एईएस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण व रोकथाम के उपाय करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने इसके लिए लोगों में जागरूकता पैदा करने को कहा। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल आपूर्ति व स्वच्छता कार्यक्रम योजना के अंतर्गत जेई/एईएस के प्रभावी नियंत्रण व रोकथाम के संबंध में कहा कि गांवों व शहर में साफ-सफाई तथा कीटनाशक दवाओं का छिडकाव कराया जाए। गैर सरकारी संगठनों से गरीब परिवारों के लिए मच्छरदानी देने के काम में सहयोग लिया जाए। गांवों में साफ-सफाई पर विशेष बल दिया जाए।

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