North Korea’s space mission : उत्तर कोरिया के स्पेस मिशन (North Korea’s space mission) को उस समय बड़ा झटका लगा जब देश के दूसरे जासूसी उपग्रह को अंतरिक्ष में तैनात करने के लिए छोड़े गए रॉकेट में उड़ान भरने के तुरंत बाद विस्फोट हो गया। खबरों के अनुसार,सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। यह उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग (North Korean leader Kim Jong Un) उन के लिए झटका है जो अमेरिका तथा दक्षिण कोरिया पर नजर रखने के लिए उपग्रहों को तैनात करने की उम्मीद कर रहे हैं। यह प्रक्षेपण ऐसे वक्त में विफल हुआ है जब दक्षिण कोरिया, चीन और जापान (China and Japan) के नेताओं ने चार साल से अधिक समय बाद पहली त्रिपक्षीय बैठक के तहत सियोल (Seoul) में मुलाकात की।
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उत्तर कोरिया के स्पेस मिशन को लेकर दक्षिण कोरियाई सेना ने दावा किया कि सोमवार रात स्थानीय समयानुसार लगभग 10:44 बजे देश के उत्तर-पश्चिम में टोंगचांग-री क्षेत्र (Tongchang-ri area in the northwest) से पीले सागर के ऊपर दक्षिण की ओर मिसाइल लॉन्च की गई देखी। वहीं इससे पहले उपग्रह प्रक्षेपण (satellite launch) के बाद, जापान के प्रधान मंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक अधिसूचना जारी की गई। जिसमें कहा गया कि उत्तर कोरिया की संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल (Suspected ballistic missile) के जापान तक पहुंचने की उम्मीद नहीं है।
उत्तर कोरिया का ऐसी उकसावे वाली कार्रवाई करना असामान्य है जब उसका प्रमुख सहयोगी चीन क्षेत्र में उच्च स्तरीय कूटनीतिक वार्ता कर रहा हो। उत्तर कोरिया के पड़ोसी देशों ने इस प्रक्षेपण की आलोचना की थी क्योंकि संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने उत्तर कोरिया पर ऐसा कोई प्रक्षेपण करने से प्रतिबंध लगा रखा है। उत्तर कोरिया की आधिकारिक ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने कहा कि उसने मुख्य उत्तरपश्चिमी अंतरिक्ष केंद्र से एक नए रॉकेट पर एक जासूसी उपग्रह छोड़ा। लेकिन उड़ान भरने के तुरंत बाद रॉकेट में संदिग्ध रूप से इंजन समस्या के कारण विस्फोट हो गया।
जापान के रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा (Japan’s Defense Minister Minoru Kihara) ने उत्तर कोरिया के प्रक्षेपण को ‘‘पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर चुनौती’’ बताया था। दक्षिण कोरिया ने उपग्रह प्रक्षेपण को ‘‘उकसावे वाला कदम बताया था जिससे हमारी और क्षेत्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचता है।