नई दिल्ली। कोरोना वायरस कहर के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में पाबंदियों का असर दिखने लगा है। भारत में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के नए मामलों में कमी देखने को मिल रही है। इस बीच केंद्र सरकार ने रविवार को ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के प्रसार के मद्देनजर नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने बताया कि अब धीरे-धीरे पेरी-अर्बन, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में भी कोरोना का फैलाव देखा जा रहा है।
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ये हैं नई गाइडलाइंस
ग्रामीण इलाकों में ILI (INFLUNZA LIKE ILNESS) और SARI (SEVERE RESPIRATORY INFECTION) के मरीजों की निगरानी पर जोर आशा वर्कर्स और विलेज हेल्थ सैनिटाइजेशन एंड न्यूट्रिशन कमेटी की मदद से निगरानी की जाएगी।
कोरोना के संदिग्ध मरीजों की रैपिड एंटीजन या आरटी पीसीआर के जरिए टेस्टिंग की जाए।
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की मदद से लक्षण वाले मरीजों को टेली कंसल्टेशन मुहैया करवाया जाए।
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गंभीर बीमारियों से ग्रस्त और लो सेचुरेशन वाले मरीजों को इलाज के लिए बेहतर केंद्र भेजा जाए।
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर और आशा वर्कर्स को रैपिड एंटीजन टेस्टिंग की ट्रेनिंग दी जाए।
ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन सेचुरेशन को आंकने के लिए प्लस ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
आइसोलेशन और क्वारंटाइन में मरीजों के फॉलोअप के लिए फ्रंटलाइन वर्कर, वालंटियर, शिक्षक घर घर जाएं।
इन सबको होम आइसोलेशन किट मुहैया कराई जाए।
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होम आइसोलेशन में मरीज को अगर सांस में तकलीफ हो, ऑक्सीजन 94% से नीचे हो, सीने में दर्द हो तो वो लोग डॉक्टरों से संपर्क करें।
ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसदी से नीचे हो तो ऑक्सीज बेड दिया जाए।
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों का 10 दिन में आइसोलेशन खत्म हो जाएगा और बिना लक्षण वाले मरीज की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव हो और लग़ातर 3 दिन बुखार न हो तो 10 दिन में होम आइसोलेशन खत्म हो जाएगा।
ग्रामीण इलाकों में कोविड केयर सेंटर माइल्ड और बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर, मॉडरेट केस के लिए और गंभीर केस वाले मरीजों के लिए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल इलाज की जरूरत।
कोविड -19 के खिलाफ जंग को तेज करने के प्राथमिक स्तर के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता
दिशा निर्देश जारी करते हुए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि इन क्षेत्रों में कोविड -19 के खिलाफ जंग को तेज करने के लिए समुदायों को सक्षम करने और सभी स्तरों पर प्राथमिक स्तर के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों में कहा गया है कि हर गांव में, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति (वीएचएसएनसी) की मदद से आशा द्वारा समय-समय पर इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी व गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (आईएलआई व एसएआरआई) के लिए सक्रिय निगरानी की जानी चाहिए।
अलग-अलग राज्यों की स्थिति
फिलहाल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, यूपी, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, तेलंगाना, जम्मू, गोवा , चंडीगढ़, लद्दाख में कोरोना संक्रमण की स्थिति काबू में है। जबकि केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, पंजाब, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और मणिपुर की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।
बता दें कि देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमितों की संख्या घटने से राहत है, लेकिन 24 घंटे में फिर 4 हजार से अधकि लोगों की जान चली गई है। 24 घंटे में 3,10,580 नए केस सामने आए तो 4,075 मरीजों की मौत हो गई है। राहत की बात यह है कि नए मरीजों की संख्या के मुकाबले ठीक होने वालों की तादात अधिक होने की वजह से एक्टिव केसों में कमी आई है। 24 घंटे में 3,62,367 लोगों ने कोरोना को मात दी है।