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पाकिस्तानी सरकार को व्यापारी दे रहे है खुले आम धमकी, पॉइंट ऑफ़ सेल मशीनों को लेकर बने नियम को बताया काला कानून

By Satish Singh 
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नई दिल्ली। पाकिस्तानी सरकार (Pakistani government) को अब उनके मुल्क के लोग धमकी दे रहे है। पूरे देश के छोटे और बड़े व्यापारियों ने सरकार को खुले आम धमकी दी है। यह धमकी पॉइंट ऑफ़ सेल मशीनों (point of sale machines) को लेकर दी है। यह चेतवानी व्यापरियों ने इस्लामाबाद (islamabad) में हुई एक विरोध रैली में दी है। दरअसल पाकिस्तान सरकार पूरे देश में पॉइंट ऑफ़ सेल मशीनें लगाने का नियम अनिवार्य करने जा रही है, जिसका विरोध देश भर के व्यापारी कर रहे है।

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डॉन की रिपोर्ट के मुताबिकअनुसार पूरे पाकिस्तान के व्यापारियों (businessmen of pakistan) ने 16 जनवरी को देशव्यापी बंद (nationwide shutdown) की धमकी दी है। अगर सरकार पॉइंट ऑफ़ सेल मशीनें (point of sale machines) लगाना अनिवार्य करने का अपना फैसला वापस नहीं लेती है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस कदम से छोटे व्यवसायों पर और बोझ पड़ेगा। इसके साथ ही टैक्स अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न करने के नए रास्ते भी खुल जाएंगे। डॉन के अनुसार यह चेतावनी इस्लामाबाद में हुई एक विरोध रैली के दौरान दी गई, जहां व्यापारियों ने फेडरल बोर्ड ऑफ़ रेवेन्यू के निर्देश के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए आबपारा चौक से रेड ज़ोन की ओर मार्च करने की कोशिश की। हालांकि भारी पुलिस बल ने सेरेना होटल के पास जुलूस को रोक दिया, जिससे प्रदर्शनकारियों को वहीं धरने पर बैठना पड़ा। यह विरोध प्रदर्शन ऑल पाकिस्तान अंजुमन-ए-ताजरान ने ट्रेडर्स एक्शन कमेटी के सहयोग से आयोजित किया था। इसमें इस्लामाबाद और रावलपिंडी के दुकानदारों और बाज़ार प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। विभिन्न व्यापारी संगठनों के नेताओं ने सभा को संबोधित किया और सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से निपटने के बजाय छोटे व्यवसायों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। भीड़ को संबोधित करते हुए इस्लामाबाद में ट्रेडर्स एक्शन कमेटी के अध्यक्ष अजमल बलूच ने पीओएस मशीनों को अनिवार्य रूप से लगाने को एक काला कानून बताया, जिसे टैक्स सिस्टम में सुधार के बजाय व्यापारियों को डराने के लिए बनाया गया है। उन्होंने दावा किया कि डॉक्यूमेंटेशन की आड़ में व्यापारियों को टैक्स अधिकारियों द्वारा अधिक उत्पीड़न और रिश्वत की मांगों का सामना करना पड़ेगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक आकलन का हवाला देते हुए बलूच ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार सालाना लगभग 53 ट्रिलियन पीकेआर है। उन्होंने विभाग पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को नज़रअंदाज़ करते हुए चुनिंदा रूप से छोटे दुकानदारों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई एफबीआर अधिकारियों के पास उनकी ज्ञात आय के स्रोतों से अधिक संपत्ति है और उनके परिवार विदेशी शिक्षा और शानदार जीवन शैली का आनंद लेते हैं।

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