नई दिल्ली। विपक्ष के 143 सांसदों के निलंबन के बाद सियासी पारा बढ़ा हुआ है। विपक्षी नेताओं की तरफ से इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। गुरुवार को विपक्षी सांसदों ने सरकार के खिलाफ एक विरोध मार्च भी निकाला। इंडिया गठबंधन की तरफ से निकाले गए इस मार्च में सांसदों ने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च किया। इस मार्च में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत विपक्षी दलों के कई नेता शामिल हुए।
पढ़ें :- JMM सरकार के साथ झारखंड में घुसपैठियों का भी समय समाप्त होगा : अमित शाह
इस दौरान मल्लिकार्जुन खरगे और उनके साथ चल रहे सासंदों ने अपने हाथों में एक बड़ा बैनर पकड़ा हुआ था। जिसपर लिखा था ‘लोकतंत्र बचाओ’ और ‘संसद बंद, लोकतंत्र निष्कासित!’ इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि, मोदी सरकार ये नहीं चाहती कि सदन चले। लोकतंत्र में सवाल करना हमारा हक है। हम सवाल उठा रहे हैं कि संसद सुरक्षा में जो चूक हुई, उस पर प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री जी बयान दें। प्रधानमंत्री जी और गृह मंत्री जी बाकी जगहों पर बात कर रहे हैं लेकिन वे सदन में बयान नहीं दते हैं, ये सदन का अपमान है।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधीर ने कहा कि, हमारे जो मूल मुद्दे थे, उससे हटकर मोदी सरकार ने मनमाफिक इतना बड़ा बिल पारित कर दिया। ये देश और लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरनाक है। इसका दूरगामी असर होगा। यह सरकार हर चीज की अनदेखी कर रही है और बहुमत के बाहुबल से अपनी मर्जी चला रही है। ये देश को अंधेरे की ओर धकेलने का काम कर रहे हैं और हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे।
बता दें कि, संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर विपक्ष दोनों सदनों में हंगामा कर रहा हैं। सदनों में हंगामे और व्यवधान डालने के आरोप में विपक्ष के 143 सांसदों को शेष शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है। बुधवार को फिर से दो सांसदों को निलंबित किया गया। लोकसभा कार्यवाही के दौरान तख्तियां दिखाने के आरोप में विपक्ष के सांसद सी थॉमस और एएम आरिफ को निलंबित किया गया है।