नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में विपक्ष की तरफ से नई पेंशन स्कीम (NPS) की जगह पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को लागू करने को मुद्दा बनाने के दांव का केंद्र सरकार ने काट खोज निकाला है। केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों के लिए सरकार ने यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने का फैसला किया है जो मौजूदा एनपीएस (NPS) के साथ ही लागू रहेगा।
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कर्मचारियों को मिलेगी सुनिश्चित पेंशन
यूपीएस (UPS) के तहत कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन, परिवार को पेंशन, सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन, पेंशन की राशि की महंगाई दर के साथ जोड़ने और सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्यूटी के अलावा भी एक सुनिश्चित राशि के भुगतान की व्यवस्था की गई है।
पुरानी पेंशन स्कीम से कितना है अलग?
एक तरह से यह पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की तरह ही होगी, लेकिन अंतर सिर्फ इतना होगा कि ओपीएस में जहां कर्मचारियों को योगदान नहीं देना होता था, यूपीएस (UPS) में एनपीएस (NPS)की तर्ज पर ही 10 प्रतिशत योगदान देना होगा। यूपीएस के लिए कर्मचारियों को कोई भी अतिरिक्त योगदान नहीं देना होगा, जबकि केंद्र सरकार की तरफ से पेंशन फंड में योगदान मौजूदा 14 फीसद से बढ़ा कर 18.5 फीसद कर दिया गया है। जो साल दर साल महंगाई दर आदि के कारण बढ़ता रहेगा।
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ओपीएस (OPS) के रूप में अब सुनिश्चित पेंशन के लिए यूपीएस। पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये सुनिश्चित। ग्रेच्यूटी के अलावा छह माह का वेतन भी एकमुश्त सेवानिवृत्ति पर मिलेगा। कर्मचारियों पर कोई बोझ नहीं, सरकार ने अपना योगदान बढ़ा कर 18 फीसद किया। पहले वर्ष में सरकार पर 6250 करोड़ रुपये का बोझ। एनपीएस के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को यूपीएस स्वीकार करने का विकल्प। राज्य केंद्र सरकार के माडल को कर सकते हैं स्वीकार। 99 फीसद से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस स्वीकार करने में फायदा: वैष्णव
केंद्र पर पड़ेगा 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ
इससे केंद्र पर वर्ष 2025-26 के दौरान ही 6250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। चुनावी माहौल में इसे सरकार की ओर से बड़ा राजनीतिक मोहरा भी माना जा रहा है। यूक्रेन से यात्रा के बाद शनिवार दोपहर नई दिल्ली पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक देर शाम को हुई जिसमें यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के बारे में फैसला किया गया।
सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कब से किया जाएगा लागू?
सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 01 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। इससे सीधे तौर पर 23 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा। क्योंकि सरकार का आकलन है कि अभी कार्यरत 99 फीसद से ज्यादा केंद्रीयकर्मियों के लिए एनपीएस से ज्यादा यूपीएस आर्थिक तौर पर फायदेमंद होगा।