लखनऊ: प्रदेश के स्टाम्प व पंजीयन विभाग ने आनलाइन ई-स्टाम्पिंग सेल्फ प्रिंटिंग की व्यवस्था लागू की है। आगामी पंचायती चुनाव में कम मूल्य के ऐसे स्टाम्प पेपर की जबर्दस्त मांग को देखते हुए किसी भी तरह की अफरातफरी को रोकने में यह नई व्यवस्था काफी कारगर साबित हो सकती है। यूपी में दस, पचास, सौ, पांच सौ रुपये मूल्य के स्टाम्प की बिक्री में स्टाम्प विक्रेताओं द्वारा की जा रही कालाबाजारी पर अंकुश लगने जा रहा है।ऐसे में अब नामांकन के समय स्टाम्प पेपर के लिए मारामारी नहीं करनी होगी। इस व्यवस्था के तहत पांच सौ रुपये तक के स्टाम्प को खुद जरूरतमंद व्यक्ति द्वारा स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया लि.(सीआए) की वेबसाइट पर आनलाइन शुल्क जमा कर के छाप सकेगा।
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इस बारे में जारी शासनादेश में कहा गया है कि कोई व्यक्ति जो अल्प धनराशि के स्टाम्प शुल्क का भुगतान करना चाहता है, वह स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया (सीआरए) की वेबसाइट www.shcilestamp.com पर ऑनलाइन ई-स्टाम्पिंग प्रणाली में भुगतान के लिए रजिस्टर करेगा। रजिस्ट्रेशन के बाद उसका सत्यापन होगा। फिर यूजर आईडी और पासवर्ड सृजित होगा। इस रजिस्टर्ड यूजर आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करते हुए लागइन किया जाएगा। लागइन के बाद प्रयोक्ता व्यक्ति द्वारा आवश्यक विवरण जैसे राज्य, अनुच्छेद, स्टाम्प शुल्क की राशि, पक्षकारों का विवरण (दोनों पक्षों का विवरण) दाखिल किया जाना अनिवार्य होगा।
इस विवरण में प्रयोग करने वाला स्पष्ट उल्लेख करेगा कि वह ई-स्टाम्प किस मकसद से खरीद रहा है। इस विवरण को दाखिल करने के बाद प्रयोग करने वाले के द्वारा आनलाइन भुगतान के विकल्प का चयन करके नेट बैंकिंग/डेबिट कार्ड/यूपीआई के जरिये अपेक्षित स्टाम्प शुल्क की धनराशि का भुगतान किया जाएगा। भुगतान के बाद ई-स्टाम्प सर्टीफिकेट का प्रयोक्ता /ई-स्टाम्प प्रमाण पत्र खरीदने वाले व्यक्ति द्वारा अपने कम्प्यूटर और प्रिण्टर से उसे प्रिण्ट कर सकेगा या फिर साइबर कैफे से उसे प्रिण्ट करवा सकेगा। ई-स्टाम्प का यह प्रिण्ट 80 जीएसएम इक्जीक्यूटिव बाण्ड के कागज पर ही लिया जा सकेगा।
यह प्रक्रिया केवल पांच सौ रुपये की अधिकतम सीमा तक के स्टाम्प शुल्क के भुगतान पर ही लागू होगी। शासनादेश में आगे कहा गया है कि स्वयं मुद्रण में किसी भी धोखाधड़ी या दुर्भावना को रोकने के लिए प्रस्तावित माड्यूल में मजबूत सुरक्षा सुविधाओं सहित प्रभावी निगरानी तंत्र की सुनिश्चित व्यवस्था स्टाक होल्डिंग कारपोरेशन आफ इण्डिया द्वारा की जाएगी। प्रदेश के स्टाम्प आयुक्त और सम्बंधित एजेंसी यह भी सुनिश्चत करेंगी कि राज्य को किसी भी तरह की वित्तीय क्षति न होने पाए।