नई दिल्ली। ठीक आज से लगभग 5 साल पूर्व पनामा पेपर लीक (Pandora Papers Leak) मामले ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था। पनामा पेपर लीक (Pandora Papers Leak) मामले में दुनिया के कई नामचीन हस्तियों का नाम आया था। इससे खुलासा हुआ था कि कैसे बड़े बड़े अमीर कारोबारी, हस्तियां टैक्स चोरी करने के लिए अलग अलग तरीके का इस्तेमाल करते थे। पनामा जैसा ही एक मामला फिर एक बार दुनिया के नामचीन हस्तियों की पोल खोल कर रख दी है।
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इस बार पैंडोरा पेपर लीक (Pandora Papers Leak) मामले में दुनिया एक बार फिर हड़कंप मचा दिया है । इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (International Consortium of Investigative Journalists) मीडिया कंसोर्टियम द्वारा जांच की गई जिसकी रिपोर्ट बीते रविवार को प्रकाशित की गई थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 117 अधिक देशों की नामचीन हस्तियों, खिलाड़ियों, 150 से ज्यादा मीडिया हाउस के 600 पत्रकारों और सरकार के प्रमुखों ने टैक्स हैवंस में लाखों रुपये छिपाए हैं, इसका अब खुलासा हुआ है। ‘पैंडोरा पेपर्स’ की जांच में द वाशिंगटन पोस्ट, बीबीसी और द गार्जियन सहित मीडिया से जुड़े करीब 600 पत्रकार शामिल हैं।
पैंडोरा पेपर लीक(Pandora Papers Leak) में सचिन तेंदुलकर, अनिल अंबानी, विनोद अडाणी, नीरा राडिया, सतीश शर्मा, जैकी श्रॉफ, नीरव मोदी और किरण मजूमदार-शॉ समेत 300 भारतीय लोगों के नाम शामिल हैं। इस खुलासे के केंद्र की मोदी सरकार ने बीते चार अक्टूबर को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) अध्यक्ष की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर दी है। सीबीडीटी ने कहा कि पैंडोरा पेपर्स (Pandora Papers) से संबंधित मामलों की जांच की जाएगी।
इस जांच की निगरानी सीबीडीटी के चेयरमैन करेंगे, जिसमें सीबीडीटी, प्रवर्तन निदेशालय, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्तीय खुफिया इकाई के अधिकारी शामिल होंगे। सरकार ने पैंडोरा पेपर्स लीक्स से जुड़े मामलों में जांच के निर्देश दिए हैं। इसमें भारत सहित दुनियाभर के तमाम उद्योगपतियों, राजनेताओं और सेलिब्रिटी के गैर-कानूनी निवेश का खुलासा किया गया है।
एक अंतर-सरकारी समूह का हिस्सा
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सीबीडीटी के अनुसार, इन मामलों की प्रभावी जांच सुनिश्चित करने के लिए सरकार विदेशी संस्थाओं के साथ भी सक्रिय रूप से जुड़कर काम करेगी। सीबीडीटी ने कहा कि भारत सरकार भी एक अंतर-सरकारी समूह का हिस्सा है, जिसके तहत इस तरह के लीक से जुड़े कर जोखिमों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सहयोग और अनुभव साझा किए जाते हैं। वहीं, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि अब तक कुछ भारतीयों के नाम मीडिया में आए हैं।
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के वकील बोला नहीं की है टैक्स चोरी
गॉड ऑफ़ क्रिकेट कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का नाम पैंडोरा पेपर्स (Pandora Papers) लीक में आया है। इसके अलावा उनके परिवार के दूसरे सदस्यों के नाम पर ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (BVI) में एक ऑफ़-शोर कंपनी थी, जो 2016 में बंद कर दी गई थी। इनके ज़रिए कितना टैक्स बचाया गया, ये अभी मालूम नहीं है, लेकिन जग की रीत तो यही है कि BVI में ऑफ़-शोर कंपनियां कोई टैक्स नहीं भरतीं।
अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश में कंपनी खोल ले, तो वह कंपनी कहलाती है ऑफ शोर कंपनी और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड कहलाते हैं ‘टैक्स हैवेन’। जहां टैक्स बचाने, टैक्स चोरी और काले पैसे को सफेद बनाने के साधन मौजूद होते हैं। सचिन की कंपनी यहां थी, ये कैसे मालूम पड़ा? सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन (Sachin Tendulkar Foundation) के सीईओ और निदेशक मृणमय मुखर्जी (CEO and Director Mrinmoy Mukherjee) ने इस पर दी इंडियन एक्सप्रेस को जवाब दिया है। उन्होंने दी इंडियन को ईमेल लिख कर कहा कि सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) द्वारा किए गए जिस निवेश का आप ज़िक्र कर रहे हैं। वह लिबरलाइज़्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत किया गया है। इसका विधिवत लेखा-जोखा उनके टैक्स रिटर्न में मौजूद है। मुखर्जी ने आगे लिखा कि तेंदुलकर के तरफ से किया गया निवेश भारत के बैंकिंग चैनलों हुआ है। इसके अलावा, आपके द्वारा बताई गई 60 करोड़ रुपये की राशि पूरी तरह से गलत है।
पैंडोरा पेपर लीक (Pandora Papers Leak) में रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन,पैंडोरा में चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोने ब्लेयर, चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के नाम शामिल हैं। पैंडोरा पेपर लीक में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (PM Imran Khan) के मंत्रियों से लेकर करीबियों तक के नाम भी इसमें उजागर हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि पैंडोरा पेपर लीक में रूस ,भारत , मेक्सिको और अमेरिका समेत दुनिया भर के 130 अरबपतियों के नाम सामने आये हैं।
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पैंडोरा पेपर्स क्या हैं?
इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने 1.19 करोड़ से ज्यादा गोपनीय फाइलों का भंडार प्राप्त किया है. इसने 150 समाचार आउटलेट्स के 600 से ज्यादा पत्रकारों की एक टीम का नेतृत्व किया।इन्होंने दो साल तक उसके माध्यम से छानबीन की। पैंडोरा पेपर्स मीडिया जगत के 600 से ज्यादा पत्रकारों की वित्तीय सेवाओं से 1.19 करोड़ दस्तावेजों की जांच पर आधारित है। आईसीआईजे ने इसमें हार्ड-टू-फाइंड (मुश्किल से मिलने वाले) स्रोतों को ट्रैक किया है।
दावा किया गया है कि पैंडोरा पेपर्स में 90 देशों से ज्यादा के 330 राजनेताओं के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। इस सूची में 380 भारतीयों के नाम होने की बात कही गई है। इन्होंने लाखों लाख डॉलर के निवेश को छुपा टैक्स बचाने के लिए गैर-कानूनी तरीके से वित्तीय लेनदेन किए। इनमें दुनियाभर के हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के नाम हैं।