Bhadrapada month Parivartini Ekadashi fast 2024 : भाद्रपद माह को बहुत पुनीत माना जाता है। इस माह में कई व्रत और त्योहार पड़ते है। भाद्रपद माह के परिवर्तिनी एकादशी व्रत को बहुत ही कल्यणकारी बताया गया है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। इसे पद्मा या जलझूलनी एकादशी कहा जाता है।मान्यतानुसार इस दिन बनने वाले शोभन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक ग्रंथों में एकादशी व्रत की विशेष महिमा बतायी गई है। मान्यता है कि एकादशी व्रत का पालन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पढ़ें :- Mauni Amavasya 2026 : नए साल 2026 में इस दिन पड़ेगी माघी या मौनी अमावस्या, जानें, जानें महत्व और दान
परिवर्तिनी एकादशी व्रत महत्व
परिवर्तिनी एकादशी व्रत गणेश उत्सव की अवधि में रखा जाता है। ऐसे में इस दौरान व्यक्ति को भगवान विष्णु और भगवान गणेश की उपासना का सौभाग्य प्राप्त होता है। मान्यता है कि परिवर्तिनी एकादशी के दिन उपवास रखने से स्वर्ण दान और वाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है।
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 13 सितंबर, शुक्रवार को रात 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर 14 सितंबर, शनिवार को रात 8 बजकर 41 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में 14 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन शोभन योग , दिनभर रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है।