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पौष अमावस्या 2025: तिथि और तिथि का समय
पौष अमावस्या 19 दिसंबर, 2025 को मनाई जाएगी।
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 19 दिसंबर सुबह 4:59 बजे
व्यापार-नौकरी में शत्रु बाधा बन रहा है तो पौष अमावस्या के दिन भगवान विष्णु के 12 नाम अच्युत, अनंत, दामोदर, केशव, नारायण, श्रीधर, गोविंद, माधव, हृषिकेष,त्रिविकरम, पद्मानाभ और मधुसूदन, लेते हुए उन्हें पीले फूल अर्पित करें। चढ़ाए गए फूलों को शाम के समय भगवान के सामने से हटाकर किसी बहते पानी में प्रवाहित कर दें या पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। मान्यता है इससे शत्रु शांत होता है और बाधाओं का नाश होता है।
पौष अमावस्या पर पूर्वजों की पूजा-अर्चना करने से पितृ दोष कम होता है और जीवन में लंबे समय से चली आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।
सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने से नकारात्मकता दूर होती है, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और आंतरिक ऊर्जा प्रबल होती है।