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पितृ पक्ष 2021:​ पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने लिए आवश्यक है ये काम, पितरों को मिलती है शान्ति

By अनूप कुमार 
Updated Date

पितृ पक्ष 2021:​ हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक कुल 16 दिनों तक चलता है। इस बार पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021 Start Date) 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे। पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा।

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पितृपक्ष में पितरों को श्रद्धा से पूजने के साथ उनके लिए विशेष भोज भी कराया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो कुछ भी पितरों के नाम पर उनके वंशज पितृपक्ष में करते हैं, वह सब उनके पितरों को मिलता है, लेकिन यह दान और भोज उन तक किस माध्यम से पहुंचता है, इसे जान लेना चाहिए। यानी जब भी श्राद्ध का भोज कराएं, उसे पांच स्थान या पांच प्राणियों के पास जरूर रखें।

श्राद्ध में पंचबलि कर्म किया जाता है। अर्थात पांच जीवों को भोजन दिया जाता है। बलि का अर्थ बलि देने नहीं बल्कि भोजन कराना भी होता है। श्राद्ध में गोबलि, श्वान बलि, काकबलि, देवादिबलि और पिपलिकादि कर्म किया जाता है।

पंचबलि कर्म का मतलब है, ब्राह्मण के अलावा चार अन्य प्राणियों के लिए पितरों के नाम पर भोजन खिलाना। पंचबलि में गाय, कुत्ता, चींटी और कौवा आते हैं। इन पांच लोगों के लिए पांच स्थान पर भोज रखना चाहिए। यहां पंचबलि का मतलब होता है पांच लोगों के भोज से। पितृ पक्ष के दौरान कौओं को प्रतिदिन खाना डालना चाहिए। मान्यता है कि हमारे पूर्वज कौवों के रूप में धरती पर आते हैं।

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